’पंजाबी भाषी क्रांतिकारी : कवियों, लेखकों, पत्रकारों का राष्ट्र जागरण में योगदान’  विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया

12 मार्च 2025, बुधवार अपराह्न तीन बजे से उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी एवं पंडित रामप्रसाद बिस्मिल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में प्रताप विहार, गाजियाबाद स्थित लीलावती इंटरनेशनल स्कूल में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय था___’पंजाबी भाषी क्रांतिकारी : कवियों, लेखकों, पत्रकारों का राष्ट्र जागरण में योगदान।’

पंजाब की धरती क्रांति की धरती है और पंजाबी भाषियों ने देश विदेश में न सिर्फ अपने जोश और जज्बे से देश का नाम चमकाया बल्कि पंजाबी कवियों, लेखकों और पत्रकारों ने भी अखबार और पत्रिका निकालकर राष्ट्रीय चेतना का संचरण किया। उपरोक्त विचार डॉ मधु चतुर्वेदी बेदी ने अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए प्रताप विहार गाजियाबाद में एक भव्य समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षाविद श्री अमित बग्गा की उपस्थिति रही।

विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में बोलते हुए केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के सायंकालीन संस्करण के विभागाध्यक्ष  प्रो० उमापति दीक्षित डी. लिट ने कहा कि उत्तरप्रदेश पंजाबी अकादमी एवं पंडित रामप्रसाद बिस्मिल फाउंडेशन ने जो इस तरह की संगोष्ठी आयोजित करने का अभिनव प्रयोग किया है, वह स्वागत योग्य है और ऐसे अभिनव विषयों पर सेमिनार और संगोष्ठियों का आयोजन समय की महती आवश्यकता है।

समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में देहरादून उत्तराखंड से पधारे डॉ इंद्रजीत सिंह ने पंजाब के क्रांतिकारी लेखकों की चर्चा करते हुए दर्जनों ऐसे क्रांतिकारियों की चर्चा की जो गुमनाम रह गए। करतार सिंह सराभा के जीवन पर आधारित उपन्यास के लेखक नानक सिंह के बारे में बताते हुए इंद्रजीत सिंह ने पंजाब के क्रांतिकारी लेखकों की राष्ट्र जागरण में भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।

विषय प्रवेश करते हुए पंडित रामप्रसाद बिस्मिल फाउंडेशन के अध्यक्ष अरविंद पथिक ने सरदार अजीत सिंह, करतार सिंह सराभा, हरनाम सिंह, सुरेन सिंह और आदि दर्जनों क्रांतिकारी कवियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरदार अजीत सिंह ने भारतमाता अखबार निकालकर राष्ट्र जागरण की ज्योति जलायी, करतार सिंह ने ‘गदर दी गूंज’ अखबार निकाला और अंत में फांसी चढ़ गए।

कवि राहुल अवस्थी ने कहा आज पंजाब और पंजाबियों को कुछ ताकते कमजोर करना चाहती हैं, मंचों पर स्वयं पंजाबी अपने ऊपर चुटकुले सुनाते बनवाते दीखते हैं। इस प्रवृति पर रोक लगाने की आवश्यकता है। चंद्रभानु मिश्र ने पंजाब को जनजागरण का अग्रदूत बताया।लुधियाना से आई डॉ जसप्रीत कौर फलक ने कहा कि पंजाब की धरती से हमेशा राष्ट्र जागरण की बात हुई है और होती रहेगी।

उत्तरप्रदेश पंजाबी अकादमी के जनसंपर्क अधिकारी अरविंद नारायण मिश्र ने उत्तर पंजाबी अकादमी की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पंजाबी अकादमी इस तरह के किसी भी आयोजन के लिए हमेशा कृत संकल्पित है। इससे पूर्व साहित्य सप्तक पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया।

इस अवसर पर साहित्य, संस्कृति, कला और रंगकर्म के लिए डॉ राजेश गौतम, प्रवीण चौहान, डॉ चंद्रमणि ब्रह्मदत्त, बी एल बत्रा, गुरबख्श सिंह को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर उपस्थित साहित्यिकारों में कवि रजनीकांत शुक्ला, डॉ० नित्यानंद शुक्ल, लता दीक्षित, सुरेंद्र शर्मा आदि प्रमुख थे। कार्यक्रम का संचालन मनोज श्रीवास्तव ‘अनाम’

स्वागत भाषण कवि अजय मिश्र ‘दबंग’ तथा आभार पंडित साहित्य चंचल ने व्यक्त किया।

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