नदी

1.

चीखी थी नदी
तट पर उसकी
लाशों के ढेर

2.

प्रसूता नदी
गन्दगी तट पर
जन्मी थी मौत

3

उछलती थी
लगा दिये अंकुश
मन नदी पे

4

रोई बहुत
और खारी हो गयी
वो मीठी नदी

5

बंधे घुँघरू
लहरों के पाँव में
छनक बाजे

6

घायल देह
पथरीली राह पे
बही जो नदी

7

आँखों पे चश्मा
लगाए फिरे नदी
सूर्य है तेज

8

सावन बैरी
बिना बरसे गया
प्यासी थी नदी

9

चन्दा तरसे
प्रतिबिम्ब न दिखे
दूषित नदी

10

सूखे किनारे
नाली बनी गयी वो
थी कभी नदी

*****

– रचना श्रीवास्तव

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