Category: रचना श्रीवास्तव

विधवा नदी – (कविता)

विधवा नदी शहर के चौखट परबहती थीवो नदीजिसमें गिर करसूरज बुझताऔर चाँदमुँह धो के संवर जाताखुश्क हवाएंछू कर इसकोनम हो जातीसंध्या के अरुण श्रृंगार सेनदी की लहरेंसुहागन बन भाग्य पर…

नदी – (हाइकु)

नदी 1. चीखी थी नदीतट पर उसकीलाशों के ढेर 2. प्रसूता नदीगन्दगी तट परजन्मी थी मौत 3 उछलती थीलगा दिये अंकुशमन नदी पे 4 रोई बहुतऔर खारी हो गयीवो मीठी…

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