महिला मंगल फाउंडेशन के वार्षिक कार्यक्रम ‘मंजूषा दिवस’ का आयोजन phd house में किया गया

महिला मंगल फाउंडेशन दिल्ली की सबसे प्रतिष्ठित व पुरानी संस्था है जिसकी अध्यक्ष आदरणीय राजकुमारी अग्रवाल जी हैं जो 91 वर्ष की है और उनकी सक्रियता सबके लिए प्रेरणा स्रोत है, जो समाज के ज़रूरतमंद वर्ग के लिए पिछले 70 साल से कार्य कर रही है। देश को जब भी ज़रूरत पड़ी, चाहे भुज का भूकंप रहा हो या अन्य कोई आपदा-इन महिलाओं ने आगे बढ़कर मदद के लिए दवाईयां, भोजन व अन्य सामग्री जुटाई और पहुंचाई। इनकी पत्रिका ‘मंजूषा’ पिछले कई वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रही है। महिला मंगल फाउंडेशन का कार्यालय दक्षिणपुरी में स्थित है जहां पर कम्युनिटी सेवा के अन्तर्गत, शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य और रोज़गार से जुड़ी विभिन्न कार्य होते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि इस संस्था के कहीं से भी कोई सरकारी फंडिंग नहीं होती।

आदरणीय उमा मालवीयजी उसकी संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में सबका अभिनंदन कविता के माध्यम से किया।

इस कार्यक्रम में पद्मश्री आदरणीय डॉ शीला झुनझुनवाला जी, अनीता सेठी वर्मा, निशा भार्गव, डॉ मंजु गुप्ता, सुमन माहेश्वरी, डॉ नीलम वर्मा इत्यादि लेखिकाओं ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज की व इसमें सभी को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में ‘अहल्या’  की विशेष नाट्य प्रस्तुति ‘अंजना चांडक’ द्वारा की गई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ कीर्ति काले ने अपने वक्तव्य व गीत में पहलगाम में हुए आंतकवादी हमले की निंदा की, वहीं राजकुमारी अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिला मंगल कठोर शब्दों में इसकी निंदा करता है। सभी संस्थाओं का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर इसके विरुद्ध एकजुट होकर सभी मंचों से आवाज उठानी होगी।कार्यक्रम का सशक्त संचालन प्रभा जाजू ने किया।

संस्था की ट्रस्टी व पूर्व में मंजूषा की संपादिका मंजु मित्तल ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह हमला हमारी परंपराओं व संस्कृति की घरोहर पर कुठाराघात है अगर हम इसे सहन करते रहेंगे तो यह हमारी कायरता, बेबसी और उदासीनता और मूर्खता होगी।संस्था की सभी सदस्यों की तरफ़ उन्होंने इसकी कड़ी आलोचना की।

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