
धूल चटाई पाक को, किये हौसले पस्त..
वरिष्ठ शायर डॉ आदेश त्यागी, अस्सिस्टेंट कमिश्नर, दिल्ली पुलिस (परामर्शदाता, अंतस्) ने अंतस् की 70वीं काव्य-गोष्ठी की बधाई देते हुए इसे एक मील का पत्थर कहा। साथ ही सहभागी सभी कवि-कवयित्रियों के काव्य-पाठ को सराहते हुए संयोजन-संचालन के लिए बधाई दी।
दिल्ली, ग़ाज़ियाबाद, बुलंदशहर, देवरिया, जयपुर, गोरखपुर, इंदौर,लखनऊ इत्यादि विभिन्न प्रदेशों से शामिल कविगण द्वारा कविताओं, गीत, ग़ज़लों, दोहों, मुक्तकों से सजी इस गोष्ठी की अध्यक्षता की श्री राजेंद्र कुमार ‘राज’ जी ने अनूप शहर, छोटा काशी से। अंतस की गोष्ठी में प्रथम बार शिरकत कर रहे ‘राज’ जी ने कवियों के इस सुंदर गुलदस्ते की प्रस्तुतियों को सराहते हुए स्वयं भी शास्त्रीय संगीत आधारित गीत-ग़ज़ल प्रस्तुत किये..
लिखा ही/तुम्हारा/उनवान/होगा
पढ़ेगा/ज़माना/गुनगान/होगा
गिरा दें/सभी सर/हदों को/मिलकर
यही बस/हमारा/अरमान/होगा।।
प्रसिद्ध कवयित्री डॉ पूनम माटिया (अध्यक्ष, अंतस्) के रोचक सञ्चालन में लगभग डेढ़ घंटे तक काव्य-रस-वृष्टि हुई.. सिर्फ़ छूने से उभर आती है नस-नस उसकी/ इससे बढ़कर भी भला और नज़ाक़त क्या है/ हर क़दम पर ही क़दम जिसने मिलाया हमसे/ उसपे फिर प्रश्न उठाने की ज़रुरत क्या है?
सरस्वती वंदना का उत्तम गायन किया जयपुर से श्री सुरेन्द्र कुमार शर्मा जी ने.. बहुत थक गया हूँ, सँभालो मुझे माँ!/अँधेरे से अब तो निकालो मुझे माँ!
देवरिया से शायरा सीमा नयन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं और अपनी ग़ज़लों से सभी को आनंदित किया(हर आदमी की शख्सियत में राज़ सौ छुपे/कैसे बताएं कौन हमारा है आजकल
***
कभी अंगार लिखती हूं कभी मल्हार लिखती हूं/कभी बन प्रेयसी अरु परिणिता मैं प्यार लिखती हूं/मगर वहशी नज़र जब स्वान बनकर नोचना चाहे तो मैं अंगार लिखती हूं तो मैं संहार लिखती हूं)।
सामायिक व्यंग्य रचनाओं से डी पी सिंह (कार्यकारी महासचिव, अंतस्) ने सभी को झकझोरने का सफल प्रयास किया। भावपूर्ण विषयों पर श्रेष्ठ प्रस्तुति दी कवयित्री पूनम सागर, शायरा सोनम यादव, रचना भाटिया’ निर्मल’ ने।
वक्त है क्रूर सबको ही छल जाएगा/ धूल सबके ही मुखड़े पे मल जाएगा/वक्त से जीत कर कोई जा ना सका/कोई अब जा रहा कोई कल जाएगा..सोनम यादव
इक फ़ोटो उसका वर्दी में, ड्रेसिंग पर कितना सजता है/उसकी आँखों का सम्मोहन, सजने को प्रेरित करता है/वीडियो कॉल को हफ्ता बीता, दो दिन से संपर्क नहीं/होगी ना फौलाद ‘मेरे’ को माइनस थर्टी में शिथिलता..पूनम सागर
मन का रहस्य/जो खत्म होता है ..खुद की पहचान के साथ/आप अपना लेते हो ख़ुद को.. बिना किसी फिल्टर के.. रचना भाटिया ‘निर्मल’
पहलगाम में हो गया, जैसा नर संहार/ आज हमारी लेखनी, करती है धिक्कार!..सुरेन्द्र कुमार शर्मा
नवीन क़लम की प्रस्तुतियों में धृति बेडेकर, डॉ सरिता गर्ग और वैशाली रस्तोगी ने काव्य-रचनाएँ पढ़ीं।
तेरे खंजन से नैनन में ,मैं मन का रंजन देखूंगी/ जब आओगे तुम प्रीतम मेरे, में भी दर्पण देखूंगी.. डॉ सरिता गर्ग
अंतस् के संरक्षक श्री नरेश माटिया तथा श्री कँवल कोहली ने बतौर सुधि श्रोता सभी को प्रोत्साहित किया पूर्ण आयोजन के दौरान। यू ट्यूब पर भी असंख्य काव्य-रसिकों ने श्रेष्ठ काव्य का आनंद लिया।
– पूनम माटिया
4th June, 2025
70th Edition of ‘Antas’ really is a milestone in itself, which calls for a celebration…the continuous hard work of Poonam Matia Ji, the ability of the performing artists and the love n blessings of its audience has taken ‘Antas’ to where it stands today or let’s say where it has reached today, though sky is the limit for ‘Antas….the programs are invariable conducted by Poonam Ji in a superb n flawless manner n the poets, poetessess n all the participants while always giving their best have a great liking for Poonam Ji and her all round knowledge n skills plus her devotion, dedication n grip on whatever program she takes in her hands….Poonam Ji too has the cabability….wo aik tajurbaykar johri ki bhanti kalakaroo.n ko dhuund nikalti hai.n, aur wo sub kalakar bhi mano uunkay programs ko chaar chaand lagaa daitay hai.n…. in my capacity too being one of her humble but regular listeners, I invariably remain glued to her programs from the beginning till the end.
My best wishes go to ‘Antas’…..duaa kartay hai .n ki ”Antas’ aur uunchi se uunchi uunchaiyai.n chuuaay aur apnay programs dwararaa hum sub ko isee tareh rijhata rahay.
Blessings for ‘Antas’, Poonam Ji n her dear family n to all those associated with ‘Antas’ in different ways.
Kk