
दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया
राम
इस युग में अब राम कहाँ हैं?
निजता में बस मनु रह गया
नहीं रहा अब कोई मनस्वी
भीड़ पड़ी है महाकुंभ में
लेकिन दुर्लभ कोई तपस्वी
कोलाहल और शोर बहुत है
सकल शांति का धाम कहाँ हैं
खोज रहे कितने जन्मों से
राधा के घनश्याम कहाँ हैं
इस युग में अब राम कहाँ हैं
आडंबर में डूबे हैं सारे
ध्यान ही में बस ध्यान कहाँ हैं
सब तथ्य या बस विज्ञान ढूंढ़ते
ज्ञान प्रचुर, संज्ञान कहाँ है
गति से प्रेम बहुत है सबको
अंतर में विश्राम कहाँ हैं
सत्य स्वयं के भीतर ही है
खोजो, देखो श्री राम यहाँ हैं!
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