
लंदन के नेहरू केंद्र में ‘संस्कृति सेंटर फॉर कल्चरल एक्सीलेंस’ द्वारा पितृ वंदना, एक ऐसा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो पिताओं और पिता स्वरूप व्यक्तित्वों के महान योगदान को सम्मानित करता है।
इस कार्यक्रम ने महाकाव्यों में प्रतिष्ठित पिताओं और उन लोगों को एक अनोखी और सशसक्त श्रद्धांजलि दी जिन्होंने भारत की प्रदर्शन कला, विरासत, दर्शनशास्त्र, आध्यात्मिक साहित्य, ज्योतिष और विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वेद व्यास, कवि कालिदास, भरत मुनि, सिद्धेंद्र योगी, दशरथ, जनक, वृषभानु, अर्जुन, अन्नमाचार्य, छत्रपति शिवाजी जैसे अन्य दिग्गजों को पूरे ब्रिटेन के 20 कलाकारों द्वारा संगीत, नृत्य और भाषण के माध्यम से कलात्मक श्रद्धांजलि दी गई। भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, कथक, करगट्टम, मोनो एक्शन, कोलट्टम, हेज्जे कुनिता, कुमी, कोया, ओडिसी और नृत्यचित्र खूबसूरती से प्रस्तुत किए गए थे जो भारत की कला विविधता को प्रदर्शित करते हैं।
डॉ. रागसुधा विंजमूरी द्वारा कल्पित इस विषय ने भारत के सांस्कृतिक प्रतीकों का स्मरण करने का एक भावनात्मक प्रभाव दर्शकों पर छोड़ दिया और उन्हें अत्यधिक आकर्षित किया।
रिपोर्ट – नर्मदा कुमारी



