डॉ अरुणा अजितसरिया  एम बी ई

कलकत्ता विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम ए (प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान) और पी एच डी (स्वातंत्र्य युग के हिंदी उपन्यास 1947-1970) करने के बाद से यूके में हैं। 35 वर्षों तक प्राथमिक शिक्षा और टीचर्स ट्रेनिंग प्रदान करने के बाद सम्प्रति केम्ब्रिज इंटरनेशनल के हिंदी विभाग से अंतर्राष्ट्रीय मुख्य परीक्षक और प्रशिक्षक के रूप में जुड़ी हुई। सन 2006 में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवदान के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ से एम बी ई की उपाधि, भारत के उच्चायोग, लंदन द्वारा जॉन गिलक्रिस्ट यूके हिंदी शिक्षण सम्मान, कथा यू के द्वारा प्रवासी संसार शिक्षा सम्मान आदि से सम्मानित। साहित्य समीक्षा डी एन ए में है। सम्प्रति ‘हिंदी से प्यार है’ से जुड़कर आलेख और सम्पादन में संलग्न। विभिन्न पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित। हिंदी, अंग्रेज़ी और फ्रेंच साहित्य पढ़ना अपने शौक के लिए और लिखना बंधुजनों के आग्रह से होता है।

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