Category: दिव्या माथुर

कोरोना-चिल्ला – (कहानी)

कोरोना-चिल्ला* दिव्या माथुर तीन हफ्ते हो चुके हैं जॉन को घर छोड़े हुए; वह एक कैरावैन में किराए पर रह रहा है, वहीं से वह दफ़्तर का काम भी संभाल…

बेक्ड-बीन्स – (कहानी)

बेक्ड-बीन्स दिव्या माथुर सुपरमार्केट के यूँ ही चक्कर लगते हुए बुढ़िया ने ग्राहकों और लोगों की नज़र से बचते हुए दो छोटे टमाटर और कुछ लाल अँगूर मुँह में रख…

बाल-उपन्यास ‘बिन्नी बुआ का बिल्ला’ – (पुस्तक समीक्षा)

बाल-उपन्यास ‘बिन्नी बुआ का बिल्ला‘ शन्नो अग्रवालshannoaggarwal1@hotmail.com दिव्या माथुर का बाल-उपन्यास ‘बिन्नी बुआ’ का बिल्ला’ एक ऐसे आदर्श परिवार का ढांचा दिखाता है जिसकी परिकल्पना शायद हर बच्चे का सपना…

दिव्या माथुर के ‘कोरोना-चिल्ला’ कहानी-संग्रह की समीक्षा – (समीक्षा)

‘कोरोना-चिल्ला’ कहानी-संग्रह – अनिल जोशी प्रवासी साहित्य में एक सशक्त भूमिका निबाह रही दिव्या माथुर का नवीनतम कहानी संग्रह, कोरोना-चिल्ला, केन्द्रीय हिंदी संस्थान-आगरा की पुस्तक प्रकाशन परियोजना के तहत प्रकाशित…

दिव्या माथुर के कहानी-संग्रह ‘हिंदी@स्वर्ग.इन’ की समीक्षा – (समीक्षा)

हिंदी@स्वर्ग.इन कमल किशोर गोयनका दिव्या माथुर इंग्लैंड के प्रसिद्ध हिंदी रचनाकारों में से एक हैं। उनकी रचनात्मकता के कई आयाम हैं —कविता, कहानी, नाटक, अनुवाद, फिल्म, गीत, गज़ल, रेडियो एवं…

बासंती हवा – (कविता)

बासंती हवा पोर पोर में फूल खिले हैंरोम रोम खुशबू से भरानाच रहा है मन मेरा याझूम रहे आकाश धरा दिखे अधिक पीली मुझकोया किसी ने रंग डाली सरसोंमहक रही…

मैं ब्रह्मा हूँ – (कविता)

मैं ब्रह्मा हूँ मैं ब्रह्मा हूँये सारा ब्रह्मांडमेरी ही कोख से जन्मा हैपाला है इसे मैंनेढेर सा प्यार-दुलार देकरऔर ये मेरे ही जाएमेरी ही गोद काबँटवारा करने पर तुले हैंचिंदी…

कुम्भ स्नान – (कविता)

कुम्भ स्नान मैं नहीं जानतीक्यों आई हूँ मैं प्रयागराजफ़ाफ़ामऊ स्टेशन देखना बदा था भाग्य में या महामंडलेश्वर के आगे नतमस्तक हुजूमऔर किन्नरों के दांत काटे सिक्कों कोमाथे पर ग्रहण करनेया…

हूक – (कविता)

हूक लो कारी बदरिया आई घिरइक हूक उठी हो माई फिरकदम्ब पे कोयल आ बैठीअब देगी कूक सुनाई फिर आँगन में एक साये सालो दिखा वही हरजाई फिरतन मन सिकोड़…

झगड़ा – (कविता)

झगड़ा दिल कहता है पूछ लो जाकरक्या वो मुझसे हैं नाराज़कहती है फिर रूह उबल करआ जाओ तुम अब भी बाज़जाओ मिल आओ दिल बोलाजीने का ये ही अंदाज़काटो दिन…

मायाजाल – (संस्मरण)

मायाजाल – दिव्या माथुर सुबह के 6 भी नहीं बजे थे कि हम घर से निकल पड़े। बेटे ने कार की सीट को गर्म कर दिया था पर फिर भी…

प्राचीनतम-आधुनिकतम : इटली – (यात्रा संस्मरण)

प्राचीनतम-आधुनिकतम : इटली – दिव्या माथुर लंदन की यांत्रिकता के चक्रव्यूह से निकल, फुर्सत के कुछ दिन एक ऐसी जगह बिताने का मन था इस बार, जहां प्राचीन तोरण-द्वार-इमारतें हों,…

त्रिया चरित्रम पुरुषस्य भाग्यम – (व्यंग्य)

त्रिया चरित्रम पुरुषस्य भाग्यम – दिव्या माथुर जौर्ज बर्नार्ड शा के मुताबिक पुरुष को चाहिए कि जब तक टाल सके टाले और स्त्री को चाहिए कि जितनी जल्दी हो सके…

नई नवेली विधवा – (व्यंग्य)

नई नवेली विधवा – दिव्या माथुर अन्त्येष्टी-निदेशक की चौकसी में कारों का जुलूस चींटी-चाल से आगे बढ़ा। हैनरी विलियम्स का सजा धजा शव काली रौल्स-रॉयस में रखा था। ताबूत पर…

व्हाट्सअप – लुत्फ़, कोफ़्त और किल्लत – (व्यंग्य)

व्हाट्सअप – लुत्फ़, कोफ़्त और किल्लत – दिव्या माथुर एक ज़माना था कि जब हम व्हाट्सऐप को प्रभु का वरदान मान बैठे थे, फिर जो वरदानों की बौछार शुरू हुई…

वैलेन्टाइन्स-डे या मुसीबत – (व्यंग्य)

वैलेन्टाइन्स-डे या मुसीबत – दिव्या माथुर शादीशुदा हो या कुँवारे, वैलेन्टाइंस-डे पुरुषों के लिए खासतौर पर एक अच्छी खासी मुसीबत है। बीवियों और गर्ल-फ़्रेंड्स की फ़रमाइशें हफ़्तों पहले शुरू हो…

अनुवाद की अंतरगाथा – (लेख)

अनुवाद की अंतरगाथा – दिव्या माथुर दक्षिण एशिया का जीवंत बहुभाषावाद हमारी साहित्यिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो स्थानीय और प्रवासी संस्कृति का भी प्रतिनिधित्व करता है। हमें…

नई नवेली विधवा – (लघु कथा)

नई नवेली विधवा – दिव्या माथुर हैनरी विलियम्स का शव काली रौल्स-रॉयस में रखा था; ताबूत पर चम्पा के फूलों से लिखा था ‘माई-डार्लिंग-हब्बी’ और लिलीज़ से गुंधी हुई अन्य…

स्वामी जी – (लघु कथा)

दिव्या माथुर जैट-एयरवेज़ के हवाई जहाज़ में बैठी थी। उड़ान लन्दन से मुम्बई के लिए रवाना हुई ही थी कि मैंने अपने पीछे से एक विदेशिनी की भारी आवाज़ सुनी।…

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