‘डॉ. यूरी बोत्वींकिन’ वरिष्ठ रचनाकार एवं अध्यक्ष, हिंदी और भारतीय साहित्य केंद्र, कीव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, यूक्रेन ने रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के मुक्त धारा सभागार, टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में हिंदी में स्वरचित रचनाओं का पाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं विश्व रंग के निदेशक श्री संतोष चौबे के सान्निध्य में यूक्रेन के रचनाकार डॉ.यूरी बोत्वींकिन ने एकल रचना-पाठ में प्रेम, दर्शन, पौराणिक और अध्यात्म पर केंद्रित उम्दा रचनाओं का पाठ किया।

उल्लेखनीय है कि डॉ. यूरी बोत्वींकिन  बेहतरीन हिंदी बोलते हैं और उससे भी ज्यादा वे भारतीय संदर्भों को बहुत अच्छे से समझते हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर गजब का है। विश्व रंग महोत्सव से वे आरंभ से जुड़े हैं। हिंदी से गहरे लगाव के चलते हिंदी शिक्षण के लिए उन्होंने ग्वालियर मध्यप्रदेश में अपने विद्यार्थी जीवन का महत्वपूर्ण समय गुजारा है। उन्होंने ग्वालियर में बिताए युवावस्था के रोचक संस्मरण सुनाकर सावन के सुहाने मौसम में सभी के अंतर्मन को प्रेमरस की रिमझिम फुहारों में भीगों दिया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. जवाहर कर्नावट, निदेशक, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र एवं सलाहकार, प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति केंद्र द्वारा किया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ कवि एवं विश्व रंग के सह निदेशक श्री लीलाधर मंडलोई, वरिष्ठ कवि डॉ. ए. अरविंदाक्षन (केरल), वरिष्ठ कवि डॉ. जितेन्द्र श्रीवास्तव (दिल्ली), विश्वविद्यालय की कुल सचिव डॉ. संगीता जौहरी, सुप्रसिद्ध रंग निर्देशक श्री राजकमल नायक सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमियों और रंगकर्मियों की भागीदारी रही।

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