Category: विधा

जिला अधिकारी ने मेकअप क्यों नहीं किया? – (कहानी)

जिला अधिकारी ने मेकअप क्यों नहीं किया? डॉ महादेव एस कोलूर मलप्पुरम (केरल) की जिला अधिकारी सुश्री रानी सोयामोय कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ बातचीत कर रही थीं। केरल राज्य…

चैटियो पगोडा : म्यांमार — (डायरी)

चैटियो पगोडा (Golden Rock) : प्रकृति, सौंदर्य और विश्वास की सुनहरी चादर – आशीष कंधवे चैटियो पगोडा : पहाड़ों की शांत बाहों में बसे इस पवित्र स्थल पर पहुँचते ही…

जोधपुर और जैसलमेर की सैर – (यात्रा वृतांत)

जोधपुर और जैसलमेर की सैर अनीता वर्मा मुझे हमेशा से लगता रहा है कि मैं ना जाने कितने जन्मों से यायावर हूँ। चलते रहने की इच्छा, निरन्तरता और मेरे साहस…

श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्य दृष्टि: संदर्भ ‘अंगद का पांव’ – (आलेख)

श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्य दृष्टि: संदर्भ ‘अंगद का पांव’ डॉ ज्ञान प्रकाश विजिटिंग प्रोफेसर, हंगुक यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज, सियोल, दक्षिण कोरिया श्रीलाल शुक्ल स्वातंत्र्योत्तर भारतीय यथार्थ के सतर्क और…

अबूझ – (कहानी)

अबूझ – सरस दरबारी, कनाडा “दीदी आपको शादी में आना ही होगा।” “पर स्वाति मैं किसी को नहीं जानती।” “मुझे तो जानती हैं न। यह भी जानती हैं कि मेरे…

टोकरी – उम्मीदों की – (बाल कहानी)

टोकरी – उम्मीदों की डॉ. शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन, जर्मनी ओह, 7 बज गए, क्रिस्टी ने आँख खोलकर घड़ी पर नजर दौड़ाई, आँखें मिचमिचाते हुए चारों ओर देखा, पर सुबह…

वृक्ष – (कविता)

– डॉ महादेव एस कोलूर ***** वृक्ष आदमी ने वृक्ष से कहा —कुछ तो बोलो, यूँ क्यों चुप हो।वृक्ष मुस्कुराया,पत्तों की सरसराहट में बोला —“जिन्होंने सब कुछ खोकर भी दिया,वो…

मुकम्मल इश्क की अधूरी दास्तान: एक सम्यक़ विवेचन – (पुस्तक समीक्षा)

मुकम्मल इश्क की अधूरी दास्तान दिनेश कुमार माली, तालचेर, ओड़िशा आज शाम यानि 10.11.2025 को जब मैं युवा लेखक दिनेश कुशवाहा की ‘मुकम्मल इश्क़ की अधूरी दास्तान’ उपन्यास पर आलोचनात्मक…

फूल की ज़िद – (कविता)

डॉ. मंजु गुप्ता ***** फूल की ज़िद बाल हठराज हठत्रिया हठसारे संसार में प्रसिद्ध हैंपर फूल की ज़िद की अभी तक अनदेखी हैइस ओर किसी की दृष्टि ही नहीं गईहमने…

भानु नित्य भोर में – (कविता)

डॉ॰ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 🪷 भानु नित्य भोर में 🪷 भानु नित्य भोर में रश्मियाँ प्रसारता।भृंग बाग में सदा धुन मधुर सँवारता॥पेड़ नित्य झूमते बाँह नित पसारते।पुष्प…

सत्कर्म के डगर पर – (कविता)

डॉ॰ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 🌸 सत्कर्म के डगर पर 🌸 (दिग्पाल/ मृदुगति छंद) सत्कर्म के डगर पर, सुविचार हो हमारा।सद्भाव सत्य संबल, सन्मार्ग हो सहारा॥मधुरिम सदैव वाणी,…

मनुष्यता की तलाश में- ‘ऐसे-ऐसे लोग’ – (पुस्तक समीक्षा)

‘ऐसे-ऐसे लोग’ रवींद्र कात्यायन श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है- ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’। यह है निष्काम कर्म का उपदेश जो गीता हमें सिखाती है। मनुष्य अपने कर्मों का फल प्राप्त…

आह से ही तो उपजा था पहला गान – (वर्णमाला 2 – ब्लॉग)

आह से ही तो उपजा था पहला गान स्वरांगी साने आषाढ़ के किसी दिन बादल बरसे पर हुआ कुछ ऐसा कि वाह न निकली और मुँह से आह निकल गई!…

मनुष्य के भीतर ईश्वर: उपसंहार में कृष्ण की यात्रा – (पुस्तक समीक्षा)

उपसंहार राकेश मिश्र काशीनाथ सिंह हिन्दी साहित्य के एक प्रमुख लेखक और कवि हैं। उनका लेखन मुख्यतः सामाजिक यथार्थ, बनारस की संस्कृति और आम जनजीवन पर केंद्रित रहा है। उनकी…

शैलजा सक्सेना की कहानियाँ: रिश्तों, संघर्षों और उम्मीदों की दास्तान – (पुस्तक समीक्षा)

“प्रवासी कथाकार शृंखला” राकेश मिश्र शैलजा सक्सेना जी से मेरा परिचय हिंदी राइटर गिल्ड के मासिक कार्यक्रम में हुआ। उनकी लिखी कहानियों को पढ़ने से पहले मैंने उन्हें सुना है…

बात छोटी सी – (कहानी)

बात छोटी सी नोरिन शर्मा आज शीतल और वरुण की पच्चीसवीं शादी की सालगिरह है। वरुण ने न तो कभी जन्मदिन मनाया और न ही कभी शादी की सालगिरह…! अंग्रेज़ों…

थाईलैंड – माई नाम – (ब्लॉग)

थाईलैंड – माई नाम शिखा रस्तोगी, बैंकॉक,थाईलैंड नदियों के महत्व को मनुष्य अच्छी तरह से जानता है। थाई भाषा में, माई नाम नदी के लिए एक सामान्य शब्द है, जिसमें…

कोरोना-चिल्ला – (कहानी)

कोरोना-चिल्ला* दिव्या माथुर तीन हफ्ते हो चुके हैं जॉन को घर छोड़े हुए; वह एक कैरावैन में किराए पर रह रहा है, वहीं से वह दफ़्तर का काम भी संभाल…

मुस्लिम परिवार की दुर्दशा को दर्शाता अनवर सुहैल का उपन्यास ‘मेरे दुःख की दवा करे कोई’ – (पुस्तक समीक्षा)

‘मेरे दुःख की दवा करे कोई’ दिनेश कुमार माली, तालचेर,ओड़िशा यह ध्रुव सत्य है कि हमारे लेखन में आजकल वह ताकत नहीं रही, जो हमारे अलग-अलग धर्मों वाले देश में…

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