
दिनांक 05.08.2025 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के सभागार में उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के स्थापना दिवस की चतुर्थ वर्षगांठ के उपलक्ष्य में “आश्वस्ति” शीर्षक के तहत सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता के कार्यभार का निर्वहन उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के अध्यक्ष, कार्यक्रम के निवेदक एवं विभिन्न विधाओं के धनी सुप्रसिद्ध वरिष्ठ कवि डॉ शिवओम अम्बर के सुपुर्द रहा। मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य को आमंत्रित किया गया, किन्तु प्रशासनिक व्यस्तताओं के चलते वह उपस्थित नहीं हो सके। विशिष्ट अतिथियों की श्रेणी में लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद् के सदस्य श्री पवन सिंह चौहान एवं इंजीनियर श्री अवनीश सिंह तथा उत्तर प्रदेश सनातन धर्म परिषद् के अध्यक्ष डॉ सुधांशु मोहन श्रीवास्तव मंच पर विराजमान रहे। अन्य मंचासीन विभूतियों में हिन्दी काव्य जगत की विभिन्न विधाओं के प्रसिद्ध हस्ताक्षर डॉ विष्णु सक्सेना, सुश्री सोन रुपा विशाल, श्री गजेन्द्र प्रियांशु, श्री बलराम श्रीवास्तव, श्री राजीव राज भी मंचासीन रहे। संचालन का दायित्व उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के प्रधान संयोजक एवं कवि श्री सर्वेश अस्थाना के सशक्त हाथों में रहा।
कार्यक्रम का प्रारंभ मंचासीन विभूतियों के कर-कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करने की परंपरा के साथ हुआ। तत्पश्चात्, मंच पर विराजमान सभी गणमान्य विभूतियों का क्रमबद्ध तरीके से अंगवस्त्र ओढ़ाकर एवं स्मृति-चिन्ह प्रदान करके सम्मानित किया गया।

प्रथम चरण में जहां एक ओर वरिष्ठ साहित्यकार श्री उदय प्रताप सिंह तथा वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला भारती को “जीवन सिद्धि सम्मान 2025” शाल एवं स्मृति-चिन्ह प्रदान करके सम्मानित कर विभूषित किया गया। वहीं दूसरी ओर, डॉ राम बहादुर मिश्रा को “लोक भाषा उन्नयन सम्मान”, डॉ अवध हरि को “सनातन साहित्य सृजन सम्मान”, माध्यम साहित्यिक संस्थान को “सार्थक साहित्यिक संस्था सम्मान”, श्री अटल नारायण को “साहित्य नवोन्मेष सम्मान” तथा श्रीमती भावना सिंह (निदेशक, रक्षा संपदा भारत सरकार), श्री आनंद शेखर (भारतीय समाज मास्को रूस), श्रीमती शर्मिला सिंह (प्रधानाचार्य, पायनियर मोंटेसरी स्कूल), श्री अनिल अग्रवाल (सेंट जोसेफ स्कूल के प्रंबधक एवं ज्ञानशिला विश्वविद्यालय के संस्थापक) तथा श्रीमती रीना सिंह (चेयरपर्सन, अमेरिकन चैंबर्स ऑफ कामर्स) को शाल एवं स्मृति-चिन्ह प्रदान करके “साहित्य उन्नायक सम्मान” से अलंकृत किया गया।
साथ ही, इस अवसर पर आयोजित की गई अखिल भारतीय गीत प्रतियोगिता के विजेताओं श्री मंयक शर्मा (प्रथम), डॉ बृजेन्द्र पाल शर्मा (द्वितीय), श्रीमती प्रीति त्रिपाठी (तृतीय) तथा सोशल मीडिया सर्वाधिक प्रसार विजेता सुश्री निशा नवल को भी शाल, स्मृति-चिन्ह, पुरस्कृत राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित करने के उद्घोष के साथ सम्मानित किया गया।
द्वितीय चरण में उत्तर प्रदेश साहित्य सभा की राज्य के विभिन्न शहरों में गठित इकाईयों से पधारे सदस्यगणों को भी उनकी उपलब्धियों से अवगत कराते हुए मंच पर आमंत्रित करके यथायोग्य सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान जहां एक ओर, मंचासीन विभूतियों ने अपने-अपने संक्षिप्त उदगारों के माध्यम से सभागार में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए लाभान्वित किया। वहीं दूसरी ओर, अपने-अपने क्रम पर विराजमान कवियों-कवयित्रियों ने अपनी श्रेष्ठतम रचनाओं के माध्यम से सभागार में उपस्थित जनसमुदाय को भाव-विभोर करके अपनी प्रस्तुतियों पर वाह-वाही के उदघोषकों संग करतल-ध्वनि के साथ समस्त वातावरण को गुंजायमान करने पर विवश कर दिया। आपकी सुविधा के लिए काव्यपाठ के अधिकांश वीडियो संलग्न हैं।
डॉ शिवओम अम्बर ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में जहां एक ओर, आज के आयोजन के शीर्षक “आश्वस्ति” को अक्षरशः विस्तार से व्याख्यायित किया। वहीं दूसरी ओर, हिन्दी के विकास में आड़े आती राजकीय उदासीनता और राहगीर बनी कठिनाइयों को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से संबंधित कुछ उदाहरणों के माध्यम से अपनी पीड़ा और व्यथा से अवगत कराया कि हिन्दी इसी शासन-प्रशासन में अपनी अंतिम सांसें गिनने की ओर बढ़ रही है। यह स्थिति बहुत ही गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पूरा प्रकरण संलग्न वीडियो में आप स्वयं सुन सकते हैं।
संपूर्ण संचालन प्रसिद्ध कवि श्री सर्वेश अस्थाना ने अपने चुटकीले और हास्य-व्यंग्य से परिपूर्ण अंदाज में कुशलतापूर्वक प्रतिपादित किया।
प्रसिद्ध कवि श्री मुकुल महान द्वारा कार्यक्रम में देश के विभिन्न शहरों और क्षेत्रों से पधारे सभी विद्वतजनों एवं आगंतुकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए धन्यवाद और आभार ज्ञापित करने के साथ यह भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ।


— कुमार सुबोध, ग्रेटर नोएडा वेस्ट।