दिनांक 02.11.2025 को ऐतिहासिक दिल्ली की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान दिल्ली विश्वविद्यालय के उतरी परिसर से सटे शक्ति नगर चौक के नजदीक वर्षों से स्थित शर्मा न्यू आर्ट्स कॉलेज के सभागार में गायत्री साहित्य संस्थान के तत्वावधान में संस्थापिका डॉ हेमलता बबली वशिष्ठ द्वारा वरिष्ठ कवि एवं पत्रकार श्रद्धेय गुरूवर डॉ धनंजय सिंह जी के 81वें जन्मदिन (जो प्रत्येक वर्ष 29 अक्टूबर को होता है) के उपलक्ष्य में “बधाई एवं शुभकामना उत्सव” का भव्य आयोजन किया गया।

मंच पर गणमान्य विभूतियां में स्वयं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ प्रतिष्ठित गीतकार डॉ धनंजय सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुभाष वशिष्ठ, श्री मृगेंद्र मयंक चतुर्वेदी, श्री ऋषि कुमार शर्मा, श्री प्रमोद कुमार कुश तथा श्री श्री सुरेश शुक्ल आलोक (नार्वे) विराजमान रहे। संचालन का कार्यभार कवि श्री इंद्रजीत सुकुमार के सशक्त हाथों में रहा। 

आयोजक की भूमिका का वहन डॉ हेमलता बबली वशिष्ठ ने स्वयं निभाया।

कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती की प्रतिमा को माल्यार्पण अर्पित करने के पश्चात् सभी मंचासीन विभूतियों को भी माल्यार्पण एवं अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

तत्पश्चात्, संचालक श्री इंद्रजीत सुकुमार ने क्रमबद्ध तरीके से मंच के दोनों ओर से सभागार में विराजित विभूतियों को अपने-अपने उदगारों को व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया। सभी विद्वतजनों ने डॉ धनंजय सिंह को जन्मदिन की अनेकानेक हार्दिक बधाईयां एवं अनंत मंगल शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए अपनी चुनिंदा और श्रेष्ठतम रचनाओं का काव्यपाठ भी किया। इसी दौरान सपत्नीक डॉ धनंजय सिंह द्वारा इस अवसर पर प्रस्तुत किए गए केक को विधिवत तरीके से काटने की प्रक्रिया के साथ उपस्थित जनसमुदाय ने जन्मदिन के गीत का समवेत स्वर में उदघोष करते हुए सामूहिक हार्दिक बधाईयों एवं अनंत मंगल शुभकामनाओं सहित अभिनंदन और अभिवादन व्यक्त किया गया।

इस पुण्य और विशिष्ट अवसर पर डॉ धनंजय सिंह ने भी अपने विशिष्ट एवं चुनिंदा गीतों के साथ-साथ डॉ हेमलता बबली वशिष्ठ के अनुरोध पर अपनी बहुचर्चित रचना “कौन किसे क्या समझा पाया, दिन क्यों बीत गए…….. चौबारे पर दीपक धर कर……..” का चिर-परिचित अंदाज में काव्यपाठ किया, जिसकी उपस्थित जनसमुदाय ने भाव-विभोर एवं मंत्र-मुग्ध होकर मुक्त कंठ से वाह-वाही के उदघोषों सहित गड़गड़ाती करतल-ध्वनि से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।

इस पवित्र अवसर पर कार्यक्रम स्थल ‘शर्मा न्यू आर्ट्स कॉलेज’ के स्वामी श्री विवेकानंद शर्मा ने अपने उदबोधन के दौरान बधाईयां एवं शुभकामनाएं प्रदान करते हुए यह घोषणा की कि उनका यह स्थल सभी तरह की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए आप सभी की सेवा में निःशुल्क आधार पर सदैव तत्पर और समर्पित है और रहेगा।

श्रोता-दीर्घा में शहर के विभिन्न शहरों और हिन्दी साहित्य जगत की विभिन्न विधाओं के प्रमुख हस्ताक्षरों सहित शिक्षा एवं कला के क्षेत्रों से पधारे व्यक्तित्वों सहित सभागार में विराजित विद्वतजनों में जगदीश पंकज, अशोक मिश्र, प्रेम शर्मा ‘प्रेम’, रचना अग्रवाल, सुरेश शुक्ल आलोक – (नार्वे), डॉ अशोक मधुप, शर्मा न्यू आर्ट्स कॉलेज के श्री विवेकानंद शर्मा, नेहा वैद, मोहम्मद इशहाक खान, संगीता चौहान, ममता सिंह राठौर, अरूण कुमार पासवान, सत्येंद्र पाल सिंह, डॉ धवन, वेद प्रकाश गर्ग, कमलेश त्रिवेदी, अजय अज्ञात, रजनी बाला, तरूण जैन, कंचन वार्ष्णेय, राजेन्द्र सिंह शेखावत, सोनवीर सिंह, इब्राहिम अल्वी, पायल गोयल, सरफराज अहमद फ़राज़, योगेन्द्र दत्त शर्मा, मधु सिंह, डॉ संतोष वशिष्ठ, सुधा कुमारी जूही, अवधेश सिंह, डॉ पन्नालाल, राजरानी भल्ला, डॉ विभू दूबे, अजय बंसल अकेला, पवन मल्होत्रा, डॉ पूनम बंसल, डॉ ज्ञानेश दत्त हरित, कुमार सुबोध इत्यादि प्रमुख रहे।

कार्यक्रम की आयोजक एवं गायत्री साहित्य संस्थान की संस्थापिका डॉ हेमलता बबली वशिष्ठ द्वारा इस अवसर पर सभागार में पधारे विद्वतजनों एवं आगंतुकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए धन्यवाद और आभार ज्ञापित करने के साथ यह भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ।

— कुमार सुबोध, ग्रेटर नोएडा वेस्ट।

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