
दिनांक 29.10.2025 को एडविन लुटियंस के नाम से भी जानी-पहचानी जाने वाली लुटियंस दिल्ली अर्थात् नई दिल्ली के ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित लोदी रोड के मैक्स मुलर मार्ग स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सी डी देशमुख आडिटोरियम में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित फ़िल्म निर्देशक श्री ओ पी श्रीवास्तव की वर्तमान समय के परिवेश में दर्शकों के समक्ष आई नवीनतम लघु फ़िल्म ‘दि डर्टी स्काई’ को प्रदर्शित किया गया। इसकी पृष्ठभूमि आधुनिक समय में महाशक्ति के नाम से संबोधित किए जाने वाले राष्ट्रों के बीच अंतरिक्ष को अपने अधीनस्थ करने के लिए अंतरिक्ष यानों का निरंतर प्रक्षेपण करने के माध्यम से उसपर अपना आधिपत्य स्थापित करने की जो होड़ लगी हुई है, उसी के कथानक से उत्पन्न पर्यावरण में व्याप्त होते खतरों को रेखांकित करते हुए तथ्यों पर आधारित यह लघु फ़िल्म है।
ऐसे समय के अंतराल में श्री ओ पी श्रीवास्तव की “दि डर्टी स्काई” विश्व के जन-मानस को समय-समय पर इन सभी अंतरिक्ष यानों से सौरमंडल में उत्पन्न होने वाले प्रदूषण और पर्यावरण को नुक़सान पहुंचाने वाले कूड़े-कचरे की ओर संवेदनशील संवेदनाओं को जागरूकता प्रदान करने तथा उसके प्रति संचेतना का संचार कर पाने में मील का पत्थर साबित होती दिखाई देती है।
इस लघु फ़िल्म “दि डर्टी स्काई” का कथानक सक्षम महाशक्तियों के बीच तीव्रगति से विकास के नाम पर अतंरिक्ष में विभिन्न सामाजिक मुद्दों को आधार बनाकर अपने वर्चस्व के आधार पर अंतरिक्षीय परिप्रेक्ष्य को अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए अपने नियंत्रण में लेने की मची होड़ पर केंद्रित है। सामाजिक परिवेश को दूर-संचार, टेलीकॉम नेटवर्क, जलवायु नियंत्रण, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, मौसम संबंधी अग्रिम जानकारी तथा शिक्षा को लाभान्वित करने वाली तकनीकीकरण की विधाओं को माध्यम बनाकर आए दिन छोटे-बड़े अंतरिक्ष यानों का प्रक्षेपण करके अंतरिक्ष परिप्रेक्ष्य को कब्जाने का कुत्सित प्रयास चल रहा है।



इस वर्चस्व की आपाधापी होड़ में इन प्रक्षेपित यानों के माध्यम से अंतरिक्ष परिप्रेक्ष्य में उत्सर्जित भयावह परिस्थितियों एवं वहां के पर्यावरणीय वातावरण को प्रदूषित करने हेतु उत्पन्न उत्सर्जन से जो नुकसान पहुंचा रहे हैं, यही महाशक्तियां इन सभी ज्वलनशील परिस्थितियों से जानते-बूझते अनभिज्ञता के साथ इस दौड़ में सहभागिता बनाए हुए अग्रसर हैं। यह फ़िल्म इन सभी ज्वलनशील प्रश्नों पर दृष्टिगोचर प्रदान करने के साथ-साथ अंतरिक्षीय पर्यावरण में विद्यमान इन सभी कूड़े-कचरे और उत्सर्जन का निष्पादन करने के प्रति जन-मानस को प्रेरित करने का सफलतापूर्वक और साहसिक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करती हुई दिखाई देती है।
इसके प्रदर्शन की समाप्ति पश्चात् श्री ओ पी श्रीवास्तव ने सभागार में उपस्थित देश-विदेश के विभिन्न शहरों और क्षेत्रों से पधारे विद्वतजनों को प्रश्नकाल के माध्यम से अपने-अपने विचार एवं सुझाव प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया। सभी ने इस डाक्यूमेंट्री को अंतरिक्ष के वातावरण में व्याप्त हो रहे कूड़े-कचरे और प्रदुषण के प्रति सजगता और उससे उत्पन्न उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए किए जाने वाले उपायों की ओर रेखांकित करने का सफल प्रयास बताते हुए आग्रह किया कि इस फ़िल्म को विद्यालयों में अवश्य प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
जहां एक ओर, आज के विद्यार्थी और भविष्य के यही भावी निर्माता युवा नागरिक सभी परिस्थितियों को समय रहते दोषमुक्त कर पाने की स्थितियों को समझते हुए पर्यावरण को स्वच्छ रखने में सक्षमता से कार्यशील रहकर सामाजिक परिवेश में जनकल्याणकारी योजनाओं को समयावधि में क्रियान्वित कर पाने में सक्षम और समर्थ होंगे। वहीं दूसरी ओर, यह फ़िल्म सामाजिक जनचेतना को जागृत करने के साथ-साथ पर्यावरण को स्वच्छ, प्रदुषण-मुक्त तथा सुरक्षित बनाए रखने के क्रांतिकारी प्रेरणास्रोतों का पर्याय बनेगी, ऐसी हमारी शुभेच्छा है।
आफ सभी के अवलोकनार्थ इस लघु फ़िल्म “दि डर्टी स्काई” का एक यूट्यूब लिंक यहां सांझा किया गया है:-
आशा करता हूं कि आप सभी अवलोकन पश्चात् आप सभी भी इस फ़िल्म के कथानक से उपजी इन विकट परिस्थितियों को समझेंगे, सोचेंगे और निराकरण के लिए प्रयत्नशील होंगे, ऐसा मेरा दृढ़विश्वास है।
— कुमार सुबोध, ग्रेटर नोएडा वेस्ट।
