
डॉ संध्या सिंह
विभाग प्रमुख- हिंदी व तमिल भाषा
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर
पिछले 28 वर्षों से सिंगापुर में निवास करने वाली डॉ संध्या सिंह का हिंदी शिक्षण में सिंगापुर में लंबा अनुभव है और वर्तमान में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर में हिंदी और तमिल भाषा विभागाध्यक्ष हैं। आपने हिंदी साहित्य में एम.ए. और बी.एड. की उपाधि के साथ ही पी.एच.डी. की है। आप सिंगापुर के ‘नान्यांग तेक्नोलौजिकल यूनिवर्सिटी सिंगापुर’ में हिंदी भाषा का पाठ्यक्रम बनाने, हिंदी भाषा-शिक्षण शुरू करवाने के साथ ही सिंगापुर के एन.पी.एस. इंटरनेशनल स्कूल में आधुनिक भाषाओं की विभागाध्यक्षा के रूप में पाठ्यक्रम बनाने का कार्य कर चुकी हैं।
विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों में भिन्न पदों का दायित्व निर्वहन करने के साथ ही सिंगापुर के कई मंत्रालयों व ‘पीपुल्स असोशियेशन सिंगापुर’ में हिंदी व भाषा सम्बन्धी कई कार्य इनके द्वारा किये जाते हैं। सिंगापुर में पंजीकृत पहली हिंदी पत्रिका ‘सिंगापुर संगम’ का सम्पादन करने के साथ ही ‘संगम सिंगापुर हिंदी संस्था की संस्थापक/अध्यक्ष हैं जो सिंगापुर में भिन्न आयोजनों और प्रतियोगिताओं द्वारा हिंदी के प्रसार में कार्यरत संस्था है।
सिंगापुर के स्थानीय विद्यालयों में हिंदी शिक्षण से जुड़ी प्रमुख संस्था ‘हिंदी सोसाइटी सिंगापुर’ की उपसचिव हैं इस संस्था में ४००० से भी अधिक छात्र हिंदी भाषा सीख रहे हैं। हिंदी साहित्य भारती संस्था की सिंगापुर प्रमुख भी हैं। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के डायस्पोरा सेंटर के मार्गदर्शन मंडल में शामिल हैं।
डॉ संध्या को सन २०२३ में फिजी में आयोजित १२वें विश्व हिंदी सम्मलेन में “विश्व हिंदी सम्मान” से सम्मानित किया गया है। पूर्व में उन्हें २०१८ में ११वें विश्व हिंदी सम्मलेन व २०२० में फीजी के हिंदी सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा विशेष निमंत्रण मिला। २०१९ में भोपाल में हुए ‘विश्व रंग’ साहित्यिक कार्यक्रम व २०२० में हंसराज कॉलेज द्वारा विश्व हिंदी दिवस सम्मेलन में भी आमंत्रित किया गया। २०२३ में लन्दन में आयोजित भारोपीय सम्मलेन में अकादमिक संयोजन भी किया। आभासी मंच पर सैकड़ों कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि, अध्यक्ष, विशिष्ट वक्ता आदि का आमंत्रण और तमाम कार्यक्रमों का संयोजन कर चुकी हैं।
२०२४ में सिंगापुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय हिंदी सम्मलेन की अध्यक्ष डॉ. संध्या थीं जो बहुत सफल सम्मलेन रहा।
सिंगापुर, भारत, यूरोप, फीजी आदि कई जगहों पर शोध पत्र प्रस्तुत कर चुकी डॉ संध्या द्वारा विदेशियों के लिए भाषा शिक्षण से सम्बंधित रचित दोनों पुस्तकों को सिंगापुर के दोनों विश्वविद्यालयों में मुख्य पुस्तक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। केन्द्रीय हिंदी संस्थान द्वारा प्रकाशित उनकी पुस्तक “ सिंगापुर में उत्तर भारत” है। उनके द्वारा संपादित पुस्तक “सिंगापुर की चयनित रचनाएं” सिंगापुर में रचे जा रहे लेखन को एक स्थान पर उपस्थित करता है। उन्होंने हिंदी शिक्षा और सांस्कृतिक प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गद्य लेखन में विशेष रुचि रखने वाली डॉ संध्या को कई संस्थाओं द्वारा हिंदी गौरव सम्मान, हिंदी सेवी सम्मान, प्रवासी साहित्य सम्मान जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।