
ज़िम्मेदारी, नैतिकता और आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस
(कम्प्यूटर और भाषा कार्यशाला)
आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी और नित नई तकनीकी का युग है। समय हर समय को बदल देता है बस, समय को भी थोड़ा समय चाहिए। इसके मद्देनजर वैश्विक हिन्दी परिवार द्वारा रविवारीय कार्यक्रम के अंतर्गत “ज़िम्मेदारी नैतिकता और आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध तकनीकीविद एवं माइक्रोसॉफ्ट में एशिया के मार्केटिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रमुख श्री बालेंदु शर्मा दाधीच जी मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम का संचालन भारत सरकार के गृह मंत्रालय में सहायक निदेशक डॉ॰मोहन बहुगुणा द्वारा तकनीकी पृष्ठभूमि सहित, संयत भाव से बखूबी निभाया गया। आरम्भ मेँ ब्रिटेन से तकनीकीविद सुश्री ऋचा जैन ने आत्मीयतापूर्वक स्वागत किया। इस अवसर पर देश- विदेश से सैकड़ों विद्वान -विदुषी, शिक्षक-प्रशिक्षक शोधार्थी-विद्यार्थी और भाषा प्रेमी जुड़े थे।

अपने सारगर्भित सम्बोधन मेँ श्री बालेंदु जी ने कहा कि आजकल बहुत से राजनेता ,उद्योगपति और प्रेस रिपोर्टर आदि नए किस्म के डिजिटल अरेस्ट की गिरफ्त मेँ आ रहे हैं। बेशक इसके प्रयोग से पहले हमारी सामाजिक और नैतिक तथा कानूनी ज़िम्मेदारी है। कापीराइट का भी उल्लंघन कर लिया जाता है। आवाज की क्लोनिंग होने लगी है। चित्रों को कैद करके या भेदभाव कर दुरुपयोग भी कर लिया जाता है। कंपनियों को माफी भी मांगनी पड़ती है। बेशक ए आई इंसान की कल्पनाशीलता का स्थान नहीं ले सकती किन्तु मशीनी प्रक्रिया से कुछ सीमा तक पूरी की जा सकती है। भारत सरकार ने भी डीप फेक के लिए एक समिति बनाई है। अनेक मामलों मेँ विदेशी अदालतों ने भी एतदसंबंधी अनेक फैसले दिये हैं। हिन्दी मेँ भी चैट जीपीटी आदि के माध्यम से अनेक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। भारत मेँ भाषिनी और अनुवादिनी टूल्स आदि काफी सफल हैं। महेन्द्रा जैसी कंपनी भी इस क्षेत्र मेँ उतरी है। कंपनियों द्वारा चूक होने पर हमें उनका ध्यान आकृष्ट करना चाहिए। उन्होने प्रो॰ वी॰ आर॰ जगन्नाथन सर्व श्री विजय मल्होत्रा ,अभिषेक प्रकाश ,विजय नगरकर और ऋचा जैन तथा ईशिता द्वारा पूछे गए प्रश्नो का बेबाक विश्लेषण सहित संतोषजनक उत्तर दिये।

सान्निध्यप्रदाता एवं लेखक श्री अनिल जोशी ने सभी का समादर करते हुए मुख्य वक्ता श्री बालेंदु जी की व्यापी साधना की सराहना की। समूचा कार्यक्रम विश्व हिन्दी सचिवालय, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, केंद्रीय हिन्दी संस्थान,वातायन और भारतीय भाषा मंच के सहयोग से वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष श्री अनिल जोशी के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। कार्यक्रम प्रमुख की भूमिका का बखूबी निर्वहन ब्रिटेन की सुप्रसिद्ध प्रवासी साहित्यकार सुश्री दिव्या माथुर द्वारा किया गया। भारत से श्री ललित भूषण द्वारा कृतज्ञता ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। यह कार्यक्रम “वैश्विक हिन्दी परिवार, शीर्षक के अंतर्गत “यू ट्यूब ,पर उपलब्ध है।





रिपोर्ट लेखन –डॉ॰ जयशंकर यादव