प्रवासी भारतीय दिवस पर सिंगापुर से तीन पुस्तकों का विमोचन

प्रवासी दिवस के विशेष अवसर पर,सिंगापुर में प्रवासी साहित्य की तीन पुस्तकों का विमोचन भारतीय उप उच्चायुक्त श्रीमती पूजा टिल्लू जी के करकमलों से नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) में संपन्न हुआ।
प्रतिष्ठित वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा प्रकाशित दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन हुआ| वाणी प्रकाशन से प्रकशित पहली पुस्तक -“सिंहापुरा: द्वीप देश की प्रवासी कविता” जिसका सम्पादन डॉ. संध्या सिंह और चित्रा गुप्ता ने किया है| इस पुस्तक में सिंगापुर के २७ कवियों की रचनाएँ हैं और यह सिंगापुर के प्रवासी साहित्य का प्रतिनिधि काव्य-संग्रह है| सिंगापुर के प्रवासी कवियों की भावनाओं को समेटे यह काव्य संग्रह विविधता से भरा है|


वाणी प्रकाशन से प्रकाशित दूसरी पुस्तक “सिंहापुरा: द्वीप देश का प्रवासी गद्य” -सिंगापुर से पहला साझा गद्य संग्रह है| इसका सम्पादन डॉ. संध्या सिंह और दिव्या माथुर ने किया है| इस पुस्तक में बीस रचनाकारों ने अपने संस्मरण और यात्रा वृतांत में सिंगापुर के प्रवासी जीवन और अनुभवों को समेटा है|
तीसरी पुस्तक फ्लाईड्रीम से प्रकाशित ‘ओस सी ज़िन्दगी’ सिंगापुर के चर्चित साहित्यकार श्री रत्नेश पांडेय का पहला एकल काव्य संग्रह है जो उनकी कलात्मकता से भी भरपूर है|
प्रवासी दिवस पर इन अनमोल पुस्तकों के माध्यम से प्रवासियों के जीवन, अनुभव, और भावनाओं को जानने का अवसर प्राप्त करें। इन्हें अवश्य पढ़ें और अपनी प्रतिक्रियाएँ साझा करें।

प्रवासी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में परम्परा नृत्य विद्यालय से सुष्मिता दत्ता ने जगन्नाथ जी की प्रतिमा की उपस्थिति में ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया |सभी रचनाकारों ने अपनी एक रचना का पाठ भी किया |
इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय उपउच्चायुक्त श्रीमती पूजा टिल्लू , वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक श्री अरुण माहेश्वरी, अमिता माहेश्वरी, NUS सेंटर फॉर लैंग्वेज स्टडीज़ की उप निदेशक डॉ. चियांग ली पेंग, हिंदी सोसाइटी के अध्यक्ष श्री एम.पी. राय, महाराष्ट्र मंडल सिंगापुर के श्री सचिन जंगम, भारत से आए भाषा विद प्रो. विमलेश कांति वर्मा, और तबला अखबार के संपादक श्री संतोष कुमार के साथ ही विद्यार्थियों और भारतीय समुदाय की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संयोजन NUS के हिंदी व तमिल भाषा कार्यक्रम की प्रमुख, डॉ. संध्या सिंह ने और संचालन लोकप्रिय और प्रतिष्ठित साहित्यकार विनोद दुबे ने किया। सिंगापुर संगम की टीम से अरुणा सिंह, पूनम चुघ, प्रतिमा सिंह, डॉ. आराधना सदाशिवम्, रत्नेश पाण्डेय, विनोद दुबे, सौरभ श्रीवास्तव व सभी ने भरपूर सहयोग दिया|

डॉ संध्या सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate This Website »