
महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस के भोजपुरी विभाग द्वारा 21 फरवरी 2025 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का मुख्य विषय “Bhojpuri: The Way Forward” था। इस कार्यक्रम में भोजपुरी भाषा के विकास और संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर विचार एवं चर्चा की गई। इस कार्यशाला में कई विद्वानों ने शिरकत की।
उनकी चर्चा का मुख्य चिंतन यह था कि हमें अपनी भाषा को बोलने में संकोच नहीं करना चाहिए। “अपनी भाषा गई तो संस्कृति गई“ इस विचार को केंद्र में रखते हुए, भोजपुरी भाषा में साहित्य लेखन को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया। साथ ही, मनोरंजन जगत को भी भोजपुरी भाषा से जोड़ने पर बल दिया गया। यह कहा गया कि भोजपुरी भाषा को स्कूलों में एक वैकल्पिक भाषा के रूप में शामिल किया जाए। इसके अलावा, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ और साहित्यिक मंचों के विकास पर भी जोर दिया गया। भोजपुरी फिल्म, संगीत और रंगमंच को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके साथ ही, भारत सहित भोजपुरी-भाषी समुदायों के साथ सांस्कृतिक संबंध स्थापित करने पर विचार किया गया। सभी प्रतिभागी इस बात से सहमत थे कि भोजपुरी को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए मॉरीशस के लोगों को प्रयास करना चाहिए।
इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि मॉरीशस गणराज्य के सांसद माननीय श्री रविराज सिन्हा विचुक थे। अन्य विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, समाजसेवी एवं छात्रों के अलावा, भोजपुरी भाषा की प्रसिद्ध लेखिका डॉ. सरिता बुधु, महात्मा गांधी संस्थान की निदेशक डॉ. विदोत्तमा कुंजल, आई.सी.सी.आर. हिंदी पीठ प्रोफेसर डॉ. राज शेखर तथा भोजपुरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद बिसेसर भी मौजूद रहे।
रिपोर्ट : डॉ राज शेखर