ओ ईंट – (कविता)
ओ ईंट काली मिट्टी में से पाथकरपथेरे ने रूप बदला तेराओ ईंट!ओ कच्ची-पीली सीजून भोगती ओ ईंट!अनचाही, अनजानी ठोकरेंखा-खा कर टूटती रही तूटोटे होकर सखियों सेबिछुड़ती रही तूअपनों के भी…
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ओ ईंट काली मिट्टी में से पाथकरपथेरे ने रूप बदला तेराओ ईंट!ओ कच्ची-पीली सीजून भोगती ओ ईंट!अनचाही, अनजानी ठोकरेंखा-खा कर टूटती रही तूटोटे होकर सखियों सेबिछुड़ती रही तूअपनों के भी…
छछुंदर और बंदर एक छछुंदर भोली भाली,दिखती थी थोड़ी सी काली।नाम छछुंदर का था झुमरी,चुक चुक कर गाती थी ठुमरी।एक था बन्दर,नाम था जन्तर,खाये कुल्हाटी मस्त कलंदर।खौं खौं खौं खौं…
नन्ही-मुन्नी सिया के लिए नन्ही-मुन्नी कविताएँ सिया और बंदर छत पर देखोआया बंदरसिया जल्दीजाओ अंदर। दादी का चश्माले भागापकड़ो पकड़ोशोर मचायामम्मी ने इककिया करिश्मालेने कोदादी का चश्मा केला फेंकाउसकी ओरबंदर…