खामोशी एक नदी है – (कविता)
– मंजु गुप्ता *** *** खामोशी एक नदी है खामोशी एक नदी हैभीतर बहतीउदास,शांत, निःस्वन कई बार चाँदनी रातों मेंगीत गातीतनहाई में चुपचापबरसात में अक्सरचुप्पी का बाँध तोड़झरने-सी झरती झर-झरबहुत…
हिंदी का वैश्विक मंच
– मंजु गुप्ता *** *** खामोशी एक नदी है खामोशी एक नदी हैभीतर बहतीउदास,शांत, निःस्वन कई बार चाँदनी रातों मेंगीत गातीतनहाई में चुपचापबरसात में अक्सरचुप्पी का बाँध तोड़झरने-सी झरती झर-झरबहुत…