असंभव…

(फयोंग मुकदा रचित “पेन पाई माय डाय” शीर्षक थाईलैंड का एक लोकप्रिय गीत का हिंदी अनुवाद)

अगर रावण की तरह मेरे दस चेहरे हों
दसों चेहरों को मुड़कर तुम्हारे लिए मुस्कुराता रहूँगा
दस जीभों से, दस मुँहों से एक ही स्वर में बतलाऊँगा
कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ ।
अगर रावण की तरह मेरी बीस आँखें हों
बीसों आँखें तुम्हीं ताकता रहूँगा
बीसों बाहें तुम्हीं लिपटाता रहूँगा
बीस सीता हों तो कभी मेरी नज़र में नहीं आ सकेंगी
हकीकत में मेरा एक ही बेचारा चेहरा है
गरीब हूँ नीच हूँ अभागा हूँ, इसलिए
एक जीभ, एक मुँह से बतलाने की हिम्मत नहीं
कि तुम्हारी छाया को छूने की चाहत है
मेरी एक जोड़ी आँख तुम्हें देखती रही
मेरी दो बाँहों में कमज़ोरी रही
मेरी छाती पर जन्नत का सितारा गिरेगा क्या ?
उदास रहा, अफ़सोस रहा, सब असंभव है

*****

(अनुवादक : कित्तिपोंग बुनकर्ड, हिंदी लेक्चरर, चूड़ालंकरण विश्वविद्यालय, बैंकॉक, थाईलैंड)

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