
अर्चना
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हिंदी दिवस
हिंदी शब्द सुन तरंगित हो उठे मन मेरा
कलम भी आतुर कुछ लिखने को
भारत भूमि से कोसों दूर
एकत्रित हम यहाँ
देने को सम्मान
अपनी मातृभाषा को
क्यों ना इतराओं मैं
इस मीठी भाषा पर
हिमालय सी नभ छूती ख्याति,
सागर सी अथाह गहराई लिए भावों का,
स्वर और व्यंजन से सुसज्जित
कश्मीर सा अद्भुत सौंदर्य लिए है
हमारी मातृभाषा हिंदी ।
गौरवान्वित है आज हर भारतीय
मनाने को उत्सुक आज हिंदी दिवस।
हाँ,
मनाने को एकत्रित आज हिंदी दिवस।