
अर्चना
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रिश्ते
रिश्तों का अस्तित्व क्या है ?
क्या समझ पाया है कोई ?
बड़े बेमानी से लगते हैं
ये रिश्ते
क्या फूल से नाज़ुक
या
छुइमुई से हैं ?
हाथ लगाने भर से बिखरने लगें?
क्या समझ पाया है कोई ?
क्या मोम से हैं रिश्ते ?
जो दिखे कठोर
पर
अंतर्मन खंडित होने से पिघलने लगे
क्या समझ पाया है कोई ?
क्या लकड़ी से हैं रिश्ते
जो
शब्दरूपी कुल्हाड़ी से
तहस नहस हो जाए
क्या समझ पाया है कोई ?
शायद आत्म चिंतन करने की ज़रूरत है