
महाभारत के ‘9 अनमोल मोती’
- यदि आप समय रहते अपने बच्चों की अनुचित माँगों और इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रखते तो आप जीवन में असहाय हो जाएँगे… “कौरव”
- आप कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, यदि आप अधर्म का साथ देंगे तो आपकी शक्ति, शस्त्र, कौशल और आशीर्वाद सब बेकार हो जाएँगे… “कर्ण”
- अपने बच्चों को इतना महत्वाकांक्षी न बनाएँ कि वे अपने ज्ञान का दुरुपयोग करके सर्वनाश कर दें… “अश्वत्थामा”
- कभी भी ऐसा वचन न दें कि आपको अधर्मियों के सामने समर्पण करना पड़े… “भीष्म पितामह”
- धन, शक्ति, अधिकार और सत्ता का दुरुपयोग और गलत काम करने वालों का साथ अंततः पूर्ण विनाश की ओर ले जाता है… “दुर्योधन”
- सत्ता की बागडोर कभी भी अंधे व्यक्ति को न सौंपें, अर्थात जो स्वार्थ, धन, अभिमान, ज्ञान, आसक्ति या वासना से अंधा हो, क्योंकि इससे विनाश होगा… “धृतराष्ट्र”
- यदि ज्ञान के साथ बुद्धि भी हो तो आप अवश्य विजयी होंगे… “अर्जुन”
- छल-कपट से आपको हर समय सभी मामलों में सफलता नहीं मिलेगी… “शकुनि”
- यदि आप नैतिकता, धर्म और कर्तव्य का सफलतापूर्वक पालन करते हैं तो दुनिया की कोई भी शक्ति आपको नुकसान नहीं पहुँचा सकती… “युधिष्ठिर”
सर्वेषाम मंगलम,भवेत् सुखम।

प्रस्तुति – डॉ.जयशंकर यादव