प्रवासी भारतीय, हिंदुस्तान से बाहर क्यों हैं?

बार बार मन से यह सवाल करती हूँ,

जवाब  का इंतजार करती हूँ,

पर अनुत्तरित रह जाती हूँ।

क्या वे पैसे की खातिर यहाँ हैं?

शायद हाँ, शायद नहीं,

पैसे की हिंदुस्तान में भी,

अब, कमी तो नहीं।

तो फिर वे अपने देश से बाहर क्यों हैं ?

अपने परिवार से दूर,

अपने मित्रों से दूर,

रिश्तेदारों और अपने शहर से दूर,

वे  सब यहाँ विदेशों में क्यों हैं?

एक खोखला-सा प्रश्न,

हर वक्त, हमारी आँखों के सामने होता,

पर इस खोखलेपन को भरने

का जवाब नहीं होता।

बस सोचते रहते, वे यहाँ क्यों हैं ?

हर उस क्षण जब परिवार

में  कोई उत्सव होता,

या फिर कोई दुर्घटना होती

उनका दिल यहाँ बेचैन होता,

कभी पहुँच पाते समय पर,

कभी नहीं भी पहुँच पाते,

वे  फिर सोचते, वे यहाँ क्यों हैं ?

-आशा मोर

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