
प्रवासी भवन के सभागार में ‘भारतीय डायसपोरा संवाद और विदाई समारोह’ का आयोजन किया गया
दिनांक 3 मई 2025 को दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली स्थित प्रवासी भवन के सभागार में अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद और वैश्विक हिंदी परिवार के तत्वधान में ‘भारतीय डायसपोरा संवाद और विदाई समारोह’ का आयोजन किया गया। यह समारोह फिजी हाई कमीशन के काउंसलर श्री निलेश रोनिल कुमार के 7 वर्ष के कार्यकाल के पूर्ण होने तथा श्री ईश्वर सिंह यादव को द्वितीय सचिव, भारतीय दूतावास, फिजी में नामांकित किए जाने के सम्मान में किया गया। साथ ही मॉरीशस से पधारी डॉ. विनोद बाला अरूण जी को सम्मानित भी किया गया| वहीं जर्मनी की सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. शिप्रा शिल्पी सक्सेना को भी जर्मनी प्रवास के लिए शुभकामनाएं सहित विदाई दी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के मानद निदेशक नारायण कुमार जी कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय भाषा और संस्कृति के योगदान में प्रवासी भारतीयों की भूमिका सराहनीय है।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार जी अपने फिजी प्रवास का अनुभव साझा करते हुए भारतवंशियों का भारत के प्रति लगाव ओर जुड़ाव को रेखांकित किया। श्री निलेश रोनील कुमार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत प्रवास के दौरान नीलेश जी ने भारतीय और अन्य संगठनों के साथ मिलकर जो कार्य किया है वह मेरे विचार से अतुलनीय है|

विशिष्ट अतिथि डॉ. शिप्रा शिल्पी सक्सेना ने जर्मनी में हिंदी के ऐतिहासिक विकास क्रम को बताते हुए कहा कि मैं जहाँ भी जाती हूँ मेरे साथ मेरी भाषा, संस्कृति और आचार-विचार भी जाते है और वे दो संस्कृतियों के मध्य सेतु का कार्य करते है।
मॉरीशस के रामायण सेंटर की अध्यक्ष डॉ. विनोद बाला अरूण ने मॉरीशस की संस्कृति में रामायण की भूमिका को उल्लेखित करते हुए कहा कि रामचरितमानस हमारे मन और प्राण में है। मैं कह सकती हूँ कि हमारे डी.एन.ए. में भी है।
श्री ईश्वर सिंह यादव ने वैश्विक हिंदी परिवार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उपर्युक्त संस्थान से जुड़ना मेरे अनुभव को समृद्ध करता है और यह फिजी प्रवास के दौरान मेरे कार्यों को ईमानदारी से पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।



श्री नीलेश रोनील ने आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा भले ही भारत हमारे देश से दूर है लेकिन भारत को हम अपने दिल में लेकर घूमते है| यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे भारत में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल और उसे मैं जिम्मेदारीपूर्वक निभा पाया।
प्रो. ईश्वर सिंह राठौर ने फिजी प्रवास के अनुभव को साझा करते हुए कहा जैसे नीलेश जी के हृदय में भारत बसता है। वैसे ही मेरे हृदय में फिजी बसा हुआ हैI
कार्यक्रम का संयोजन सुप्रसिद्ध लेखक, कवि और वैश्विक हिंदी परिवार के अध्यक्ष श्री अनिल जोशी ने किया। अनिल जोशी ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उपस्थित अतिथियों के बारे में कहा कि उन सब का भारत, भारतीय एवं भाषा से गहरा जुड़ाव है। उन्होंने सबके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की सराहना की।
सभी अतिथियों का विधिवत स्वागत करते हुए श्री विनयशील चतुर्वेदी जी ने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए हमारे कम समय के आग्रह पर आप सभी का यहाँ उपस्थित होने हमारे लिए सौभाग्य की बात है| वैश्विक हिंदी परिवार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद आपका आभारी है।
कार्यक्रम में श्री नीलेश रोनिल कुमार जी के परिवार की भी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में डॉ. संतोष मिश्रा, श्री वी.एल.गौड़, डॉ. ऋषि कुमार शर्मा- पूर्व सचिव, हिंदी अकादमी, श्री राकेश पाण्डेय, श्री मोहन बहुगुणा, श्री धर्मवीर सिंह, विमलेश कांति वर्मा, प्रो. श्रीनिवास त्यागी, डॉ अशोक बत्रा, सुनीता पाहुजा, मनोज श्रीवास्तव ‘अनाम’, राजेश कुमार मांझी, नवनीत, हर्षवर्धन, श्री मृणाल आर्य आदि पत्रकार, साहित्यकार और प्रवासी भारतीयों की उपस्थिति में कार्यक्रम को गरिमा प्रदान कर दी। कार्यक्रम का संचालन सुअम्बदा कुमारी द्वारा किया गया।





