
–अनिल वर्मा, ऑस्ट्रेलिया
नाम
नाम शब्द से
शब्द अक्षर से
अक्षर ध्वनि से
ध्वनि कम्पन से
कम्पन स्वयं-निनादित भव से
भव सम्भव हो सका भाव से
या सब लीला के प्रभाव से ?
इस प्रभाव का क्या स्वभाव है ?
क्या आयाम सँवारे होंगे !
कैसे जानूँ, कहाँ पुकारूँ
कितने नाम तुम्हारे होंगे ?
नाम-रूप-गुण-क्रिया तंत्र में
नाम प्रथम है
नाम पिता का स्वप्न रूप है
माँ का मन है
नाम संस्कृति से उत्प्रेरित
गुण का कण है
नाम शक्ति है, नाम नित्य है
नाम नमन है
नाम अस्मिता है, अस्मत है
हम सब इसी सहारे होंगे
कैसे जानूँ, कहाँ पुकारूँ
कितने नाम तुम्हारे होंगे ?
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