अंग्रेज़ी नहीं, हिंदी माध्यम की स्कूलें…

– अमृता खंडेराव, (लेखिका, शिक्षिका)

महाराष्ट्र में लगभग 90% अंग्रेज़ी माध्यम की स्कूलों में शिक्षक और विद्यार्थी हिंदी में ही बातचीत करते हैं। मुख्याध्यापक से लेकर चपरासी तक और माता-पिता से लेकर विद्यार्थियों तक, किसी को भी बिना रुके अंग्रेज़ी बोलना संभव नहीं होता।

कई अंग्रेज़ी माध्यम की स्कूलों में प्रवेश करने के बाद प्रारंभिक दो मिनट अंग्रेज़ी में बात होती है, और फिर आगे का पूरा संवाद हिंदी में ही चलता है। बहुत कम ही बार अच्छी और व्याकरण की दृष्टि से सही अंग्रेज़ी बोली जाती है। शिक्षक भी अक्सर गलत अंग्रेज़ी बोलते हैं, क्योंकि वे मराठी माध्यम में पढ़े होते हैं और उन्हें अंग्रेज़ी बोलने का पर्याप्त अभ्यास नहीं होता।

ग्रामीण क्षेत्रों की अंग्रेज़ी माध्यम की स्कूलों में सभी विद्यार्थी आपस में हिंदी में ही बात करते हैं क्योंकि उनके घर पर मातृभाषा मराठी होती है। कुछ अलग दिखाने के लिए सभी हिंदी में ही बोलते हैं। महाराष्ट्र में अंग्रेज़ी माध्यम की स्कूल की सरल परिभाषा यह है कि जहाँ पूरा दिन हिंदी ही बोली जाती हो। यहाँ के बहुसंख्य जैन, गुजराती, और मारवाड़ी व्यापारी भी अपने घरवालों से केवल हिंदी में ही बात करते हैं।

मैंने ऐसी कोई पूरी तरह से अंग्रेज़ी में ही बातचीत करने वाली स्कूल कभी नहीं देखी, जहाँ चपरासी से लेकर मुख्याध्यापक तक, और विद्यार्थी से लेकर शिक्षक तक सभी सिर्फ अंग्रेज़ी में बोलते हों। केवल ऐसी ही स्कूल को हम वास्तव में अंग्रेज़ी माध्यम की स्कूल कह सकते हैं।

असल मायने में महाराष्ट्र में अंग्रेज़ी माध्यम की कोई असली स्कूल उपलब्ध नहीं है। कई शिक्षक पाठ विषय अंग्रेज़ी में पढ़ा देते हैं, लेकिन समझाने के लिए हिंदी का उपयोग करते हैं। इतिहास और भूगोल जैसे विषयों को पूरी तरह अंग्रेज़ी में पढ़ाने वाले शिक्षक बेहद कम ही मिलते हैं।

महाराष्ट्र में वे कुछ पुरानी सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल, जो कभी उत्तम अंग्रेज़ी माध्यम की स्कूल कहे जाते थे, मौजूद हैं, पर उनकी संख्या नगण्य है। बाकी सभी स्कूल हिंदी माध्यम की हैं। पाठ्यपुस्तकें अंग्रेज़ी में होती हैं, लेकिन अध्ययन-शिक्षण हिंदी में ही होता है—यह एक अजीब अन्तर है।

जो भाषा में बच्चों को सहजता से बात करने में सक्षम होते हैं, वही भाषा उन्हें स्कूल में शिक्षकों और मित्रों से बात करते समय प्रिय होती है—यहाँ तक कि मित्र का फोन आया तो भी वे हिंदी में ही बात करते हैं।

(मराठी पोस्ट का हिंदी अनुवाद)

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