Category: विजय प्रभाकर नगरकर

“हॉब्सन-जॉब्सन, आधुनिक ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी कोश और  हिंदी” – (आलेख)

हॉब्सन-जॉब्सन और आधुनिक ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी कोश: हिंदी के बहाने अंतरराष्ट्रीय अंग्रेज़ी का विस्तार ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र 📜 भूमिका भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति और…

हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास – (आलेख)

हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास एक लंबी प्रक्रिया है जो सदियों से चली आ रही है।…

श्री गणेश चतुर्थी: विघ्नहर्ता की आराधना और एक प्रसिद्ध आरती की कहानी – (ब्लॉग)

श्री गणेश चतुर्थी: विघ्नहर्ता की आराधना और एक प्रसिद्ध आरती की कहानी ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर महाराष्ट्र यह पावन पर्व हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को…

‘न्यू नॉर्मल’ का अर्थ (लोकसभा में प्रयुक्त) – (ब्लॉग)

‘न्यू नॉर्मल’ का अर्थ (लोकसभा में प्रयुक्त) ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर महाराष्ट्र आज (29 जुलाई, 2025) लोकसभा सत्र में, “न्यू नॉर्मल” शब्द का व्यापक रूप से उपयोग किया गया, खासकर…

आदि महाकवि वाल्मीकि के अप्रतिम साहित्यिक अवदान – (पुस्तक समीक्षा)

आदि महाकवि वाल्मीकि के अप्रतिम साहित्यिक अवदान ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र रामायण के आदि-कवि महर्षि वाल्मीकि भारतीय साहित्य की उस जीवंत ज्योति की तरह हैं, जिसकी आलोकरेखा सदियों से…

भाषा, उच्चारण और बहुभाषिकता : क्या उच्चारण ज्ञान का मानक है? – (आलेख)

उच्चारण के सन्दर्भ में एक भारतीय पेशेवर की व्यथा : क्या उच्चारण ज्ञान का मानक है? ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र भूमिका भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं है, यह…

भाषा का मर्म – (अनुवाद)

~ आशुतोष अडोणी, (मराठी लेखक,वक्ता), नागपुर, महाराष्ट्र हिंदी अनुवाद – विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र भाषा का मर्म वेध एक एक मराठी लेखिका के बेटे के शादी का स्वागत समारोह था।…

‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह’ – (पुस्तक परिचय)

‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह‘ ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र ‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह‘ 🏢 प्रकाशक एवं संपादन विवरण संपादक: श्री मोहनलाल भट्ट प्रकाशक: राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिंदीनगर, वर्धा महाराष्ट्र प्रथम प्रकाशन वर्ष:…

सुशीला सामद – (हिंदी के विकास में हिंदीतर)

सुशीला सामद: हिंदी की पहली आदिवासी कवयित्री – एक विस्तृत परिचय ~ विजय नगरकर भारतीय साहित्य के विशाल फलक पर कई ऐसे नाम हैं, जो अपनी प्रतिभा और योगदान से…

साहित्यसेतू :  मराठी संतों की हिंदी यात्रा – (पुस्तक का परिचय)

साहित्यसेतू : मराठी संतों की हिंदी यात्रा ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र खंड 1: प्रस्तावना एवं लेखक का परिचय “साहित्यसेतू” ( – पृष्ठ 1) डॉ. श्रीधर रंगनाथ कुलकर्णी ( –…

डिजिटल हिन्दी की यात्रा – (पुस्तक परिचय)

डिजिटल हिन्दी की यात्रा भूमंडलीकरण ने हमारे सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन के साथ-साथ भारतीय भाषाओं को भी काफी प्रभावित किया है। आज के यांत्रिक युग में भाषा का प्रयोग केवल…

‘विज्ञान वैभव’: हिंदी में विज्ञान लेखन की एक अनुपम मिसाल – (पुस्तक परिचय)

विज्ञान वैभव: पुस्तक परिचय विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र विज्ञान हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन अक्सर इसे जटिल शब्दों और कठिन भाषाशैली में प्रस्तुत किया जाता है। इससे आम…

शरद जोशी हास्य का मर्म, व्यंग्य का धर्म और साहित्य की आत्मा थे – (आलेख)

शरद जोशी हास्य का मर्म, व्यंग्य का धर्म और साहित्य की आत्मा थे ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र “लेखक होना केवल शब्दों से खेलना नहीं होता, बल्कि समाज की नब्ज…

गणेश लेखनविद्या और ॐ – (आलेख)

गणेश लेखनविद्या और ॐ ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर महाराष्ट्र मानव सभ्यता के इतिहास में संवाद की कला ने एक विशेष स्थान बनाया है। प्राचीन काल से ही मनुष्य ने परस्पर…

रोबोट: एक शब्द की अनोखी यात्रा – (आलेख)

रोबोट: एक शब्द की अनोखी यात्रा ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र 1920 का साल, जब चेक लेखक कारेल चापेक ने अपनी नाटकीय कृति R.U.R. (रॉसुम्स यूनिवर्सल रोबोट्स) के माध्यम से…

मराठी कवि अनिल: एक साहित्यिक अर्थात् शैक्षणिक दिग्गज – (दिन विशेष)

मराठी कवि अनिल: एक साहित्यिक अर्थात् शैक्षणिक दिग्गज ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र आज, ८ मई, आत्माराम रावजी देशपांडे, जिन्हें कवि ‘अनिल’ के नाम से जाना जाता है, की पुण्यतिथि…

पंडित दीनानाथ मंगेशकर की अंतिम यात्रा: जब संगीत मौन हो गया – (आलेख)

पंडित दीनानाथ मंगेशकर की अंतिम यात्रा : जब संगीत मौन हो गया – प्रस्तुति- विजय नगरकर अप्रैल की तपती दोपहर थी। सड़कें सुनसान थीं, जैसे खुद शहर ने भी मौन…

महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस – (आलेख)

महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र मराठी राजभाषा दिन और मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक भूमिका 1 मई 1960 को जब महाराष्ट्र राज्य की स्थापना भाषावार प्रांत रचना…

राजभाषा संस्मरण – (संस्मरण)

राजभाषा संस्मरण ~ विजय नगरकर, महाराष्ट्र हमारे ज़िले के उस शांत और नैसर्गिक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित महाविद्यालय का वातावरण आज भी मेरी स्मृति में ताज़ा है। मुझे वहाँ हिंदी…

भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र का वैश्विक सम्मान – (लेख)

भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल प्रस्तुति- डॉ. विजय नगरकर भारत से भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड…

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