
मुंबई, 21 अगस्त 2025।
“81 माइल्स” किताब में मानवीय पहलुओं पर बात हुई ये तो बहुत अच्छा है लेकिन विभाजन की महात्रासदी के गुनहगारों पर भी बात होनी चाहिए थी।” अनिल शर्मा ‘जोशी ‘ लेखक, विचारक, चिंतक और केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, केंद्रीय हिंदी संस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष ने अभिनेता, लेखक, निर्देशक नवीन भास्कर द्वारा लिखित उपन्यास ’81 माईल्स’ के मंचन व अंग्रेज़ी संस्करण के लोकार्पण के बाद आगे कहा, “इस वैश्विक त्रासदी की साजिश और डिजाईन पर भी बात होनी चाहिए। लगभग 10 लाख मौत हुई और डेढ़ करोड़ की आबादी बेघर हुई थी। दूसरे विश्व युद्ध में जितनी मौत हुई थीं, उसका दसवां हिस्सा इस ऐतिहासिक संगठित अपराध में मारा गया था।”
अभिनेता, लेखक, निर्देशक नवीन भास्कर द्वारा लिखित तथा अद्विक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित उपन्यास ’81 माईल्स’ का मुंबई में मंचन व अंग्रेज़ी संस्करण का लोकापर्ण हुआ। करीब 75 मिनिट के एकल अभिनय में नवीन भास्कर ने पूरे अपन्यास की कथा का सारांश बहुत प्रभावी तरीके से अभिनीत किया। एकल नाट्य प्रस्तुति का संगीत प्रदीप पांडे ने तैयार किया। गुणीजनों से भरे सभागार ने मंत्रमुग्ध होकर इस प्रस्तुति का आनंद लिया। कई ऐसे क्षण आए, जब दर्शक न केवल भावुक हो उठे बल्कि आंखों की कोर भीग गईं।
विख्यात फिल्म अभिनेता सौरभ दुबे ने कहा कि यह दुर्लभ मणिकांचन योग है, जब एक लेखक बतौर अभिनेता अपनी ही लिखी रचना का मंचन कर रहा है।

प्रख्यात फिल्म अभिनेता इनामुळ हक ने इस मौके पर कहा कि हिंदी फिल्में साहित्य से दूर हो चुकि हैं। मलयाली, गुजराती और मराठी सिनेमा आज भी साहित्य से जुड़े हैं इसलिए वे बेहतर सिनेमा रच रहे हैं। हमें खराब सिनेमा को नकारना सीखना होगा, और अच्छा सिनेमा लाने के लिए फिल्म जगत पर दबाव बनाना होगा।
लेखक – पत्रकार विवेक अग्रवाल ने कहा कि भारत पाक विभाजन पर जितने भी उपन्यास एवं कहानी सामने आते हैं, वे उस पहली पीढ़ी से आते हैं, जिसने वह त्रासदी स्वयं भोगी थी। नवीन कुमार भास्कर की किताब “81 माईल्स” इसलिए वर्तमान साहित्य में अलग स्थान रखती है क्योंकि इसे तीसरी पीढ़ी के जवान लेखक ने पहली और दूसरी पीढ़ी के अनुभव सुन कर लिखा है। इस उपन्यास से गुजरते हुए पाठक विभाजन की त्रासदी, दंगे, रक्तपात और मानवीय संवेदनाओं का पूरा संसार और इतिहास जीवंत पाते हैं।
कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती आराधना से प्रख्यात बनारस घराने की विख्यात गायिका एवं कथक नृत्यांगना दिव्या द्विवेदी ने सम्मोहक वाणी से किया। कार्यक्रम का संचालन कवि एवं फिल्म अभिनेता रवि यादव ने और धन्यवाद ज्ञापन फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र गुप्ता ने किया।
इस अवसर पर लेखक राकेश आनंद बख्शी, प्रसिद्ध लेखक प्रदीप गुप्ता, विख्यात समाजसेवी एवं उद्योगपति गणपत कोठारी, पूर्व आईपीएस एवं वकील वाईपी सिंह, प्रख्यात लेखक रवींद्र कात्यान के साथ ही शैलेंद्र श्रीवास्तव, धर्मेंद्र सिंह, संजय तिवारी, वीरेंद्र यादव, नीरज कुमार, आलोक कपूर, विनीता यादव, सोमा सिंह, दर्श कुमार, पल्लवी भास्कर, शिल्पा राठी जैसे जाने माने साहित्यकार, अभिनेता, पत्रकार व कलाप्रेमी इस आयोजन में शामिल हुए।
