जापान में गणेश जी के मंदिर एवं महिमा
गणेश गिरि, वाकायामा, जापान

जापान में यद्यपि हिंदू धर्म विशेष गणेश मंदिर नहीं हैं, वर्तमान में कुछ भारतीय संगठनों ने टोक्यो, क्योतो, इबाराकी शहरों में राम मंदिर की स्थापना की है जहाँ पर गणेश जी की प्रतिमा अथवा चित्र देखने को मिल जाता है।
वर्ष २००७ में जापान के साहित्यकार ने ‘यूमे औ कानायेरू ज़ोउ’ पुस्तक,(हिंदी अर्थ ‘सपनों को साकार करने वाला हाथी’) को कवर पेज पर गणेश जी के चित्र के साथ प्रकाशित किया था जो बहुत लोकप्रिय हुआ। लोकप्रिय होने के कारण वर्ष २०२० तक ४ भागों में प्रकाशित हुआ। इस लोकप्रियता के कारण जो लोग मंदिर नहीं भी गए अथवा मंदिर से अनभिज्ञ हैं वे भी गणेश जी के बारे में जानते हैं।

इसकी लोकप्रियता के कारण वर्ष २००८ में जापानी टीवी पर भी इसी शीर्षक से प्रोग्राम प्रसारित हुआ था ।
जापान में गणेश के समान देवता कांगितेन, (बिनायकातेन भी कहा जाता है) को समर्पित प्राचीन बौद्ध मंदिर हैं, जैसे नारा में होज़ांजी मंदिर और टोक्यो में मात्सुचियामा शोदेन ।
मात्सुचियामा शोदेन जापान का एक प्राचीन मंदिर है जो कांगितेन देवता को समर्पित है, जिसे हिंदू भगवान गणेश का जापानी अवतार माना जाता है। कांगितेन को बाधाओं को दूर करने वाला और सौभाग्य प्रदान करने वाला माना जाता है, और उनका प्रिय प्रसाद हिंदू भगवान गणेश के मोदक के बजाय मूली है, जिसे मंदिर के चारों ओर सजाया जाता है।
कांगितेन की पूजा लगभग आठवीं-नौवीं शताब्दी ईस्वी में भारत से तांत्रिक बौद्ध धर्म के आगमन के साथ शुरू हुई और इसे कांगितेन, शोतेन और गणबाची (गणपति का अपभ्रंश) जैसे देवताओं के रूप में देखा जाता है। इनमें से कई कांगितेन प्रतिमाओं का सार्वजनिक स्थापना नहीं हुआ है उन प्रतिमाओं में बुद्धिस्ट तांत्रिक कलाकृति सामंजस्य के कारण लकड़ी के डिब्बों में छिपा कर रखा गया है। जिन्हें विशेष अवसर अथवा त्योहार के समय ही जनता के दर्शन हेतु प्रदर्शन किया जाता है।
प्रमुख मंदिर और स्थान:
होज़ांजी मंदिर (नारा): ज्ञान, आनंद और समृद्धि के देवता, कांगितेन को समर्पित एक लोकप्रिय मंदिर।
मात्सुचियामा शोदेन (टोक्यो): असाकुसा में स्थित आठवीं शताब्दी का एक मंदिर, जो गणेश के जापानी संस्करण, कांगितेन को समर्पित है।
दाइशो-इन मंदिर (हिरोशिमा): मियाजिमा स्थित इस मंदिर में कांगितेन की एक मूर्ति भी है, जो एक गुप्त देवता हैं और जिनके बारे में माना जाता है कि उनके पास गुप्त संपत्तियाँ, सिद्धियां हैं।
देवता कांगितेन कांगितेन, हाथी के सिर वाले हिंदू देवता गणेश का जापानी रूपांतर है, जिन्हें आनंद का देवता भी कहा जाता है। कांगितेन की पूजा सबसे पहले जापानी विद्वान कुकाई (774-835 ई.) ने शुरू की थी, जब वे चीन से तांत्रिक बौद्ध धर्म लेकर आए थे। कांगितेन को अक्सर एक शक्ति संगिनी के साथ आलिंगन करते हुए दर्शाया जाता है, यही कारण है कि मूर्तियों को आमतौर पर बक्सों में रखा जाता है और सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित नहीं किया जाता है।
ये कहाँ मिलते हैं? मात्सुचियामा शोदेन: टोक्यो के असाकुसा क्षेत्र में स्थित।
होज़ांजी मंदिर: माउंट इकोमा पर स्थित, जो इसे जापान का सबसे महत्वपूर्ण कांगितेन मंदिर बनाता है।
टोक्यो स्थित हिन्दू संगठन एवं ओसाका स्थित उत्सव मच संस्था विगत कुछ वर्षों से प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी उत्सव का आयोजन कर रहे हैं जिसमे भारतीय समुदाय के साथ साथ जापानी नागरिक भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग ले कर गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करतें हैं।
आशा है भगवान् गणेश जापान में भी सब भक्तो को सुख समृद्धि, बल, बुद्धि एवं स्वास्थ्य प्रदान करें।