इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 3 सितम्बर 2025 को आयोजित “भूले-बिसरे या विलुप्त होती हिन्दी शब्दावलियाँ” प्रतियोगिता ने प्रतिभागियों को हिंदी की अनमोल धरोहर से जोड़ते हुए, भाषा की गहराई और उसके खजाने को संरक्षित करने का संदेश दिया।

इस अवसर पर प्रतिभागियों ने दुर्लभ शब्दों के अर्थ लिखकर हिंदी की समृद्ध परंपरा को पुनः जीवंत किया।

यह आयोजन भाषा के संरक्षण और नई पीढ़ी में हिंदी के प्रति संवेदना जागृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।

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