लक्ष्मी जयपोल

आत्म-सम्मान

आत्म-सम्मान आपका जीवन का मूल्यवान निधि है
हमेशा इसकी रक्षा करना आपकी ज़िम्मेदारी है
आत्म-सम्मान न बाज़ार में बेचा जाता है
और न मंडी में प्राप्त होता है
आप स्वयं आत्म-सम्मान कमाते हैं
आत्म-सम्मान परस्पर है।

कभी आप अपना आत्म-सम्मान मत खोता
आप स्वयं अपना आत्म-सम्मान को परिकृष्ट करना
आप हमेशा खुद को सम्मान देना और प्यार करना
आप अपना जीवन की प्रथम प्राथमिकता है
स्व-प्रेम आत्म-सम्मान का चिन्ह है
खुद की देखभाल करना प्यार और सम्मान है।

सम्मान सभी को देना पर ज्य़ादा सम्मान खुद को देना
आप आत्म-सम्मान आपका जीवन का अमूल्य अंग है
जो लोग आप का अपमान करते हैं उनसे दूरी रखना ज़रूरी है
आप खुशी और प्यार से जीवन व्यतीत करना
आप खुशी और प्यार की बारीश करना
खुद को खुश रखो और दूसरों को खुशी भी देना।

आत्म-सम्मान एक पुस्तक के समान है
आप हर पन्ने में सुखदायक बातें और यादें लिखना
हर दिन आप सकारात्मक सोच से शुरू करना आवश्यक है
प्रार्थना और मेहनत से आपको आत्म-सम्मान मिलता है
आप खुद अपना जीवन का निर्मात्रा है
आप सुखद जीवन की कल्पना करना और बनाना।

स्वाभिमान जिसके अंदर होता है
वह जीवन के सिकंदर होता है
आप अपना जीवन के सशक्त योद्धा है
जो लोग संघर्षशील होता है वे जीवन में हमेशा सफल होते हैं
वे स्वयं पर गर्व और सम्मान की बौछार करते हैं।

वे अपना जीवन के हर उपलब्धि से खुश होते हैं
उनके आत्म-सम्मान स्वाभाविक रूप से बढ़ते हैं
वे सच्चे पथ और अच्छे कर्म करते जाते हैं
वे कभी मेहनत करने में थकते नहीं हैं और अपने जीवन के लक्ष्य तक पहुंचते हैं
वे जीवन की चुनौतियों से लड़ते हैं और विजय भी पाते हैं।

वे अपनी राहों खुद चयन करते हैं और अग्रसर होते हैं
वे हमेशा खुद की मदद करते हैं और भगवान पर विश्वास रखते हैं
स्वयं पर विश्वास रखना और यह आपकी परम शक्ति है
जो अपनी प्रतिभाओं पर विश्वास रखते हैं वे कभी हार नहीं मानते हैं
आपका आत्म-सम्मान मूल्यवान है
आपका आत्म-सम्मान की रक्षा करना आपकी ज़िम्मेदारी है
आपका आत्म-सम्मान आपका जीवन का उत्तम लक्ष्य है
आप आत्म-सम्मान आपकी पहचान है।

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