प्रगति टिपणीस

28 सितम्बर 1962 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जन्मी प्रगति टिपणीस तीन से अधिक दशकों से मॉस्को, रूस में रह रही हैं। शिक्षा इन्होंने अभियांत्रिकी और प्रबंधन में प्राप्त की है। पिछले दस वर्षों से ये रूसी तथा अँग्रेज़ी भाषाओं से हिंदी में अनुवाद कर रही हैं। इन्होंने हिंदी से रूसी भाषा में भी अनुवाद किए हैं। रेडियो रूस में बतौर अनुवादक और उद्घोषक कार्यरत रह चुकी हैं। इनके द्वारा अनूदित नरेश सक्सेना की कविताओं की पुस्तक ‘एक वृक्ष भी बचा रहे’ तथा तेजेंदर सिंह ‘लूथरा’ की कविताओं की पुस्तक ‘एक नया ईश्वर’ प्रकाशित हो चुकी हैं। अनुवाद करते समय ये सबसे अधिक तवज्जो मूल भाषा की संस्कृति को अनुवाद की भाषा में उकेरने को देती हैं।

आजकल एक पाँच-सदस्यीय दल के साथ मिलकर हिंदी-रूसी मुहावरा कोश का सम्पादन कर रही हैं।

ये मॉस्को राजकीय विश्वविद्यालय के एशिया और अफ्रीका संस्थान के हिंदी विभाग के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करती हैं।

मॉस्को  की सबसे पुरानी भारतीय संस्था हिंदुस्तानी समाज, रूस की महासचिव हैं। ये पिछले डेढ़ वर्ष से भारत और रूस के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को केंद्र में रखकर डिजिटल पत्रिका ‘अनन्य-रूस’ का संपादन कर रही हैं। विश्व-रंग 2023, भोपाल में दस देशों की रचनाओं की शृंखला के तहत इनके द्वारा संकलित एवं सम्पादित पुस्तक “दोस्ती की बगिया – रूस की चयनित रचनाएँ” का प्रकाशन एवं लोकार्पण हुआ। अनुवाद के अलावा ये आलेख, निबंध, यात्रा संस्मरण आदि भी लिखती हैं जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। साहित्यकार-तिथिवार परियोजना के लिए इन्होने वर्ष 2022 में हिंदी और उर्दू के लेखकों, कवियों पर 20 से अधिक लेख लिखे तथा ये उस परियोजना के सम्पादक-मंडल का भी सदस्य थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate This Website »