ब्रिटेन में हिंदी की शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों एवं शिक्षकों का सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी


अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के तत्वाधान में वैश्विक हिन्दी परिवार द्वारा 28 अगस्त 2024 (बुधवार) को सायं 5:00 बजे, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, संगोष्ठी कक्ष में भारत भ्रमण पर आये ब्रिटेन में हिन्दी की शिक्षा प्राप्त वाले छात्रों और शिक्षकों के लिए सम्मान समारोह व संगोष्ठी का आयोजन किया गयाl जिसमें टीम लीडर सुश्री सुरेखा चोफला द्वारा ब्रिटिश लोगों की हिन्दी शिक्षण में रुचि के साथ वहाँ के स्थानीय (यू के हिन्दी समिति) शिक्षा पद्धति और सरकारी प्रयास के द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के प्रयास के बारे में बताया साथ ही ब्रिटिश छात्रों की हिन्दी सीखने की आवश्यकता और उनके द्वारा भारतीय साहित्य व संस्कृति रुचि पर प्रकाश डालाl उन्होंने बताया कि हिन्दी सीखने वालों में अधिकांश लोग भारत से संबंध रखते हैं या फिर राजनयिक और पर्यटन के महत्व को समझने वाले लोग होते हैं! हिन्दी शिक्षण में वहाँ के मंदिरों के योगदान को भी रेखांकित किया!
विशिष्ट अतिथि श्री कुमार तुहिन (पूर्व राजनयिक और महानिदेशक, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद) ने विदेशों में अपने कार्य व्यवहार के दौरान हिन्दी की उपयोगिता और उसकी प्रभावत्मकता पर अपने रुचिर अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि भारतीय और विदेशी छात्रों के हिन्दी सीखने के उद्देश्य में बहुत अंतर है, विदेशी बच्चों के हिन्दी पढ़ने का उद्देश्य भारत को निकट से जानने समझने की मंशा होती हैl तत्पश्चात अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में श्री वीरेंद्र गुप्ता (पूर्व राजदूत व अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद) विदेशों में हिन्दी की लोकप्रियता और ब्रिटिश छात्रों द्वारा किये गए संकल्प एवं प्रयास की सराहना की! सुरेखा जी और अन्य साथी शिक्षकों के लगन और हिन्दी के प्रति निष्ठा के लिए धन्यवाद ज्ञापित कियाl सभी आगत अतिथियों और उनकी उपस्थिति लोकप्रिय व्यक्तित्व एवं उनके द्वारा किए जा रहे सराहनीय कार्य पर चर्चा की! अपने राजनयिक अनुभवों के दौरान विश्व में हिन्दी के लोकप्रियता और उनका भारतीय संस्कृति के प्रति सहज अनुराग की सराहना की! श्री नारायण कुमार जी (मानद निदेशक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद) ने ब्रिटिश छात्रों के उत्साह और अपने विदेश प्रवास के दौरान विदेशों में हिन्दी के प्रति लोगों के सम्मान और लगाव के रुचिर संस्मरण भी साझा कियाl इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए श्री अनिल जोशी जी (अध्यक्ष, वैश्विक हिंदी परिवार, कवि एवं लेखक) ने इस तरह के आयोजनों के महत्व और उपयोगिता की चर्चा करते हुए इस दिशा में वैश्विक हिंदी परिवार की उपलब्धियों को रेखांकित कियाl श्री ऋषि शर्मा (उप सचिव, हिन्दी अकादमी दिल्ली) ने हिन्दी भाषा की भाषिक महत्ता और उनकी सांस्कृतिक चेतना पर अपनी बात रखी! इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए ब्रिटिश दल के शिक्षक और छात्र छात्राओं द्वारा हिन्दी भाषा और भारतीय संस्कृति के गौरवगान स्वरूप काव्य पाठ व विचार रखेl
कार्यक्रम का शुरुआत श्री विनयशील चतुर्वेदी जी द्वारा किया गया तदुपरांत कार्यक्रम संचालन का दायित्व डॉ० ओम प्रकाश जी ने निभाया! स्वागत वक्तव्य देते हुए श्री श्याम परांडे (महासचिव, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद) ने स्वागत वक्तव्य देते हुए आगत प्रतिनिधिमंडल एवं समस्त अतिथियों का स्वागत कियाl श्री गोपाल अरोड़ा जी द्वारा समस्त सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। कार्यक्रम में ब्रिटेन से पधारीं दिव्या माथुर जी के साथ डॉ वरुण कुमार, सुश्री सरोज शर्मा, अतुल प्रभाकर, प्रसून लतांत, मनोज श्रीवास्तव के अतिरिक्त अनेक गणमान्य विद्वान/विदुषी एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।



