
शिवनंदन सिंह यादव
स्वर्गीय डॉक्टर शिवनंदन सिंह यादव
जन्म: जिला एटा, उत्तर प्रदेश, भारत
एम.बी.बी.एस.और एम.डी. आगरा विश्वविद्यालय से
1967 से कनाडा वास
एफ.आर.सी.पी.(सी) कनाडा से, टोरंटो कनाडा में मेडिकल विशेषज्ञ रहने के बाद सेवा निवृत।
कविताएं लिखना हाई स्कूल से आरंभ हुआ। तभी से विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन भी हुआ।
कविता लिखने का क्रम विदेश में भी शिथिल नहीं हुआ। हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में विशेष रुचि रही। इनके तीन काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं : ‘दनवन’, ‘प्रियंवदा’ तथा ‘इंदीवर’।
गत 40 वर्षों से टोरंटो में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार तथा विकास से सम्बद्ध रहे हैं। मानव के व्यक्तिगत और समष्टिगत मनोभाव तथा प्रकृति के अनेक मोहन चित्र उनकी रचनाओं में हैं। वे एक अत्यंत विनम्र, विनयी, मितभाषी तथा मिष्टभाषी थे।
मुख्यतः वे गीतकार है और गाकर ही अपनी कविताएं प्रस्तुत करते रहे हैं।अन्य काव्य शैलियों को कभी नहीं अपनाया| टोरंटो के हर कवि सम्मेलन में वे भाग लेते तथा वे लोगों के एक प्रिय गीतकार रहे हैं।