
दिनांक 27.12.2024 को तृशूर (केरल) में आयोजित दो दिवसीय दक्षिण भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ मुंबई की वरिष्ठ कथाकार मधु कांकरिया जी ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रबींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने बीज वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि साहित्य का आकलन मन के चश्मे से करेंगे तो एक नई दृष्टि मिलेगी। हमारी अदृश्यता को भेदने का कार्य कला-साहित्य ही कर सकता है, विज्ञान नहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता मलयालम के विद्वान डॉक्टर के.जी. प्रभाकरन ने की। इस समारोह में प्रमुखत: दक्षिण भारत और देश के अन्य प्रांतों से 150 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी रही। समारोह में श्री चौबे ने दक्षिण भारत के हिंदी विद्वानों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर ‘विश्व में हिंदी ‘ पुस्तक कार्यक्रम के संयोजक श्री वी.जी. गोपीनाथन को श्री चौबे एवं अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र के निदेशक डॉक्टर जवाहर कर्णावट ने भेंट की। कार्यक्रम में ‘साहित्य का विश्व रंग’ पत्रिका के नवीन अंक का लोकार्पण श्री लीलाधर मंडलोई जी की उपस्थिति में अतिथियों ने किया।




