“कुरूक्षेत्र साहित्यिक रत्न सम्मान – 2025”

दिनांक 18.01.2025 और 19.01.2025 की समयावधि के दौरान हरियाणा की ऐतिहासिक नगरी कुरूक्षेत्र स्थित सैनी समाज सभा के सभागार में कला, संस्कृति और साहित्य के प्रति समर्पित ट्रू मीडिया समूह के तत्वावधान में दो-दिवसीय “कुरूक्षेत्र साहित्यिक रत्न सम्मान – 2025” समारोह का आयोजन किया गया। 

प्रथम दिवस अर्थात् दिनांक 18.01.2025 को देश के विभिन्न शहरों से पधारे सभी विद्वतजनों ने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की धरती कुरूक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर पर नित्यप्रति आयोजित संध्या आरती में अपनी भावपूर्ण उपस्थिति दर्ज़ कराने के साथ-साथ अपने कर-कमलों द्वारा आरती भी की तथा परिसर में स्थित विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों के दर्शन भी किए। तत्पश्चात्, ब्रह्मसरोवर के पदाधिकारी एवं कुरूक्षेत्र बीपीएचओ के जिलाध्यक्ष श्री प्रदीप प्रजापति द्वारा सभी आगंतुकों का माल्यार्पण पहनाकर स्वागत किया गया। यह वही स्थल है, जहां प्रत्येक वर्ष दिसम्बर माह में “गीता जयंती महोत्सव समारोह” आयोजित किया जाता है। रात्रि के भोजन उपरांत सभागार में एक अनौपचारिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

द्वितीय दिवस अर्थात् दिनांक 19.01.2025 को साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा और पत्रकारिता पर विचार-विमर्श के साथ कुरूक्षेत्र साहित्यिक रत्न सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

इस दिन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता का दायित्व महादेवी वर्मा की शिष्या तथा ओजस्वी वाणी की धनी सुविख्यात वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला भारती के सशक्त हाथों में रहा। मुख्य अतिथि के तौर पर डॉ कुमार विश्वास के वरिष्ठ भ्राता, वरिष्ठ साहित्यकार एवं सीसीएस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ विकास शर्मा उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों की श्रेणी में सुप्रसिद्ध समाजसेवी एवं साहित्य-प्रेमी श्री इंद्रजीत शर्मा, टोक्यो हिंदी कल्चरल सेंटर के अंतर्गत जापान से हिंदी में प्रकाशित त्रैमासिक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘हिन्दी की गूंज’ की मुख्य संपादिका श्रीमती रमा पूर्णिमा शर्मा, माॅरीशस से पधारी दो बार राष्ट्रपति सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती सविता सालिक पितांबर, वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् श्री गणेश पितांबर तथा साहित्यकार एवं कवयित्री श्रीमती अंजना सिंह सैंगर विराजमान रहे। स्वागताध्यक्ष की भूमिका का वहन ट्रू मीडिया के सर्वेसर्वा श्री ओमप्रकाश प्रजापति ने किया। संचालक का कार्यभार श्री हिमांशु शुक्ल के सशक्त हाथों में रहा। मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख शंखनाद के बीच गणमान्य विभूतियों के कर-कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया। तदोपरांत, श्रीमती नेहा शर्मा ने मां सरस्वती के प्रति वंदना प्रस्तुति का गान किया।

तत्पश्चात्, जहां एक ओर, सभी मंचासीन गणमान्य विभूतियों को माल्यार्पण, अंगवस्त्र (शाल) ओढ़ाकर, अर्जुन-रथ स्मृति-चिन्ह तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान करके “कुरूक्षेत्र साहित्यिक रत्न सम्मान – 2025” से सम्मानित किया गया। वहीं दूसरी ओर, इस अवसर पर कियान फाउंडेशन के संस्थापक श्री अशोक गुप्ता की ओर से डॉ पुष्पा जोशी, डॉ सूक्ष्म लता महाजन, डॉ कविता मल्होत्रा, श्रीमती नेहा शर्मा एवं श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल को कियान सारस्वत पुरस्कार स्वरूप ग्यारह सौ रूपए प्रदान करके सम्मानित किया गया। अगले चरण में क्रमबद्ध तरीके से मंचासीन गणमान्य विभूतियों को अपने-अपने उदबोधनों के लिए आमंत्रित किया गया। सभी गणमान्य विभूतियों ने अपने संक्षिप्त वक्तव्यों के माध्यम से जहां एक ओर, श्री ओमप्रकाश प्रजापति की साहित्यिक गतिविधियों के प्रति लग्न, समर्पण, कर्मठता और दृढ़संकल्पित इच्छाशक्ति अथक परिश्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा करने के साथ-साथ उन्हें इस भव्य आयोजन हेतु हार्दिक बधाई एवं मंगल शुभकामनाएं दी। वहीं दूसरी ओर, सभी मंचासीन विभूतियों द्वारा इस आयोजन का साक्ष्य बनने के लिए आमंत्रित करने हेतु आयोजकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए धन्यवाद और आभार ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर मंचासीन गणमान्य विभूतियों के कर-कमलों द्वारा महिषी महादेवी वर्मा की शिष्या वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला भारती के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित ट्रू मीडिया पत्रिका के जनवरी अंक का लोकार्पण भी किया गया।

प्रथम सत्र के अगले चरण का आगाज़ करते हुए ट्रू मीडिया के संपादक श्री ओमप्रकाश प्रजापति ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि महाभारत कालखंड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से संबंधित कुरुक्षेत्र भारतीय परंपराओं, सभ्यता और संस्कृति के प्रतिमानों का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। धार्मिक दृष्टि से पवित्र होने के साथ-साथ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से भी यह अत्यंत समृद्धशाली स्थल है। अपने उदबोधन को विराम देने से पूर्व रेखांकित किया कि इसी धरती पर ट्रू मीडिया समूह की ओर से आयोजित यह “कुरुक्षेत्र साहित्यिक महोत्सव” साहित्यिक-सांस्कृतिक दृष्टि से इस धरोहर की रक्षा तथा संवर्धन के प्रति सार्थक पहल साबित होगा। तत्पश्चात्, मंचासीन गणमान्य विभूतियों द्वारा देश के विभिन्न शहरों से पधारे साहित्यिक विद्वतजनों को हिन्दी-साहित्य की विभिन्न विधाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और उत्कृष्ट सृजन के लिए माल्यार्पण, अंगवस्त्र (शाल) ओढ़ाकर, अर्जुन-रथ स्मृति-चिन्ह तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान करके ‘कुरुक्षेत्र साहित्य रत्न सम्मान – 2025’ से सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख रहे – श्रीमती प्रमिला भारती, श्री इंद्रजीत शर्मा, डॉ रमा शर्मा, डॉ अंजना सिंह सेंगर, प्रो॰ विकास शर्मा, डॉ पुष्पा जोशी, डॉ सूक्ष्मलता महाजन, श्री सुबोध कुमार शर्मा, डॉ कविता मल्होत्रा, डॉ नीरजा मेहता, डॉ गीतांजलि अरोड़ा, पंडित श्री नमन, डॉ अर्चना गर्ग, श्री देवेंद्र कुमार शर्मा, श्री यशपाल मल्होत्रा, श्री ओमप्रकाश शुक्ल, श्रीमती कीर्ति रत्न, श्रीमती पुनीता सिंह, श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल, श्रीमती सरोज शर्मा ‘भारती’, श्रीमती पूजा श्रीवास्तव, डॉ राजेश श्रीवास्तव ‘राज’, श्रीमती बबली सिन्हा ‘वान्या’, श्रीमती सविता भगत, श्री राजेन्द्र महाजन, श्री विकास अग्रवाल, श्रीमती नीलम गुप्ता, श्रीमती भावना शर्मा, श्री नीरज नयन, श्री ज्ञानेंद्र प्रयागी, श्री अमित गौतम, श्री सचिन परवाना, श्रीमती आरती वर्मा, श्री महेश प्रजापति, श्रीमती रुचिका राणा, श्री ललित मोहन जोशी, श्रीमती ऋचा गौर, श्री हिमांशु शुक्ला, श्री अरुण कुमार ‘अरूण’, श्रीमती नेहा शर्मा, श्रीमती पूनम सिंह, श्रीमती रितु रस्तोगी, श्री सुशील कुमार, श्रीमती अंजना जैन, श्रीमती दीपिका वल्दिया, श्रीमती अंजू अहिरवार, श्री गगन ढींगरा, श्री वीरेंद्र कुमार बेधड़क, श्री कुमार प्रभास, श्रीमती सुशीला देवी, डॉ ओमप्रकाश प्रजापति, श्री अशोक कुमार, श्री योगेश कृष्ण, श्रीमती निधि सिंह, श्री प्रणब मेहता।

अंतिम पड़ाव पर इस सत्र के दौरान सभागार में उपस्थित सभी गणमान्य विभूतियों तथा विद्वतजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए श्री ओमप्रकाश प्रजापति द्वारा धन्यवाद और आभार ज्ञापित करने के साथ सत्रावसान हुआ।

द्वितीय सत्र में पूर्व निर्धारित काव्य-गोष्ठी के आयोजन का श्रीगणेश किया गया। अध्यक्षता का कार्यभार वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला भारती के सशक्त हाथों में रहा। मुख्य अतिथि के तौर पर प्रो॰ विकास शर्मा विराजमान रहे। अन्य मंचासीन विभूतियों में डॉ पुष्पा जोशी, श्री ओमप्रकाश शुक्ल, डॉ नीरजा मेहता, डॉ अर्चना गर्ग, डॉ कविता मल्होत्रा, डॉ गीतांजलि अरोड़ा, पंडित श्री नमन उपस्थित रहे। मंच संचालन का दायित्व श्री नीरज नयन के सुपुर्द रहा। तदोपरांत, सभागार में मंच के दोनों ओर विराजमान हिन्दी के विख्यात, प्रसिद्ध और उभरती काव्य के प्रतिभागियों ने अपने-अपने काव्यपाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर लाभान्वित किया और साथ ही, उन्हें अपनी श्रेष्ठतम रचनाओं पर गड़गड़ाती तालियों की करतल-ध्वनि से प्रस्तोताओं को प्रोत्साहित करने पर विवश कर दिया।

तृतीय और अंतिम सत्र के दौरान गणमान्य विभूतियां श्री गुरमान सिंह सैनी, श्री देवेंद्र प्रकाश शर्मा, श्री पवन प्रजापति, श्री सतीश सरोहा, श्री दर्शन प्रजापति, श्री बलवीर प्रजापति, श्री प्रदीप प्रजापति मंच पर विराजमान रही। इस अवसर पर श्री ओमप्रकाश प्रजापति तथा ट्रू मीडिया समूह को उनके साहित्यिक प्रचार-प्रसार के प्रति समर्पण की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए भविष्य में भी अपनी ओर से अधिक-से-अधिक योगदान प्रदान करने का आश्वासन दिया। इस आयोजन में आमंत्रण हेतु धन्यवाद और आभार ज्ञापित करने के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

रिपोर्ट — कुमार सुबोध, ग्रेटर नोएडा वेस्ट

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