
मॉरीशस महाशिवरात्रि 2025
आज 25 फरवरी 2025 को मॉरीशस में चक्रवात (साइक्लोन) के दूसरे दर्जे की चेतावनी जारी रही। 24 को पहले दर्जे की चेतावनी थी। लोग हर हर महादेव के नारे लगाते जा रहे थे आज भी आलम तो वही है, क्योंकि भक्तों को अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ गंगातलाब जाकर अपने आराध्य के लिए जल लेकर अपने अपने क्षेत्रीय मंदिर में जा कर शिवरात्री के दिन जल अर्पित कर भोलेनाथ को प्रसन्न जो करना है। यह सच्ची आस्था ही है जो सब सम्भव करवा रही है। महाशिवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो मॉरीशस में शिव पूजा, अभिषेक रात्रि जागरण, चार पहर की पूजा के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है। स्थानीय तमिल, तेलेगु, मराठी,बंगाली भाषा-भाषी क्या, अब तो विदेश में बसे हिंदू भी इस छोटे से टापू के महाशिवरात्रि पर्व पर आकर, पदयात्रा में भाग लेते हैं। न केवल हिन्दू समुदाय अपितु अन्य देशों से आये पर्यटक भी सकारात्मकता और ऊर्जा के भाव से अपने आप को धन्य पाते है। यह शिव भक्ति के वैश्विक प्रसार और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने का सुअवसर भी माना जा सकता है।

सरकार की ओर से ‘टास्क फोर्स’ की टीम के सदस्य दो महीने पहले से ही सब तैयारियों को करीब से देख रहे थे। गंगातलाब पर फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य सेवाएं, साफ सफाई,एम्बुलेंस की सुविधाएं पुलिस सेवाएं और ट्रैफिक में इमरजेंसी को देख हेलीकॉप्टर सेवा जैसी सुविधाओं पर ध्यान दिया गया।
स्वयं सेवी संस्थाओं एवं टोलियों ने भी अपनी श्रद्धा का परिचय देते हुए भोजन, जल, फल व व्यंजनों से भक्तों का स्वागत सत्कार किया। सभी रास्तों पर भी सेवाएं दी जा रहीं थीं। गंगातलाब पर तो व्यवस्था देखते ही बन रही थी सभी नियमों का पालन कर रहे थे। पदयात्रियों के लिए पुलिस का सहयोग हो या फिर गाड़ी चालकों द्वारा उन्हें देख स्पीड कम कर लेना, यह भी तो संवेदनशीलता का परिचय है। रास्तों और मंदिरों में भी सेवा शिविरों का प्रबंध किया गया है जिनमें पदयात्रियों के भोजन से लेकर आराम तथा अन्य सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

भक्तों द्वारा कावड़ तो दो महीने पहले से ही धीरे धीरे बनाने की विधि आरम्भ हो जाती है। कुछ कंधों पर ले जाते हैं तो कुछ संगी साथियों के साथ उठाते हैं। कोई चार तो कोई बारह कंधों तक की टोली रहतीं हैं। कुछ कांवड़ पहियों पर भी सजते हैं। बहुत ही बड़े आकार के होते हैं और भव्य रूप में झाल ढोलक की टोलियों के द्वारा साथ में भजन कीर्तन भी होता है। कुछ टोलियों के साथ म्यूजिक सिस्टम भी साथ चलता है। रंग बिरंगी रोशनी के साथ आदि योगी के झंडे, प्रभु श्री राम एवं हनुमानजी के ध्वज भी खूब देखने को मिलते हैं। जुलूस में महिलाओं, पुरूषों, बच्चों, युवाओं से लेकर वयोवृद्ध भक्तों में भजन कीर्तन का अलग ही आनंद देखने को मिलता है।
गंगा तालाब पर एक सप्ताह पूर्व से ही सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। भव्य पंडालों में हवन, मंत्र-उच्चारण आदि होता रहता है। पवित्र सरोवर के चारों ओर भी पूजन विधियाँ चलती रहतीं हैं।
गंगातलाब के आस पास बने मंदिरों में सभी देवी देवताओं की मूर्तियाँ पाई जाती हैं। सबसे बड़ी एवं भव्य मूर्ती मंगल महादेव की है जो एक सौ आठ फुट ऊंची है और पर्व के दिन हेलीकॉप्टर से अभिषेक विधि सम्पन्न की जाती है। दुर्गा माता की भी मूर्ति कार पार्किंग के पास ही अपनी अद्भुत भव्यता से भक्तों का मन मोह लेती है।

पर्व से पाँच दिन पूर्व संस्थाओं जैसे हिन्दू महा सभा, सनातन धर्म टेम्पलज़ फेडरेशन, शिव शक्ति सेना, ह्यूमन सर्विस ट्रस्ट, रामायण सेंटर आदि द्वारा अनेक सांस्कृतिक आयोजन होते हैं जिनमें देश के प्रधानमंत्री, अन्य मंत्रालयों के मंत्रीगण साथ ही भारतीय उच्चायुक्त और अन्य संस्थाओं के उच्चाधिकारियों का स्वागत, सब के विचारों के आदान प्रदान से भक्ति एवं संस्कृति के निर्वाह की जड़ों को सींचा जाता है। इसमें आचार्य, स्वामी एवं पंडितों का भी भरपूर सहयोग रहता है।
अपनी धरती से अलग हुए पूर्वज औपनिवेशिक काल में कुलीडिपो पर उतारे गए आप्रवासी थे। उनकी संताने अपनी भाषा, पूजा पाठ, त्यौहार, परिधान, भोजन हो या संस्कृति सब को संजोते हुए समृद्ध कर जय मॉरीशस, जय भारत का गुणगान करते हैं। यह सब भोलेनाथ की कृपा का ही परिणाम है। तभी तो बनता है सत्यम शिवम सुंदरम!

कल, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व चक्रवात साइक्लोन दर्जे तीन की चेतावनी में हमारे द्वीप पर मनाया जाएगा, जिसमें न घर से बाहर जाना, न वाहन चलाना न सरकारी परिवहन सेवा, मेट्रो आदि की सेवाएं भी नहीं होंगी पर भोले बाबा की पूजा अर्चना तो सभी करेंगे क्योंकि भक्ति के लिए केवल आस्था और विश्वास चाहिए। हमारी ओर से भी यह पर्व पूरे विश्व के लिए मंगलमय हो।
विष को कंठ में रख वे नीलकंठ आज धुंध में घिरकर मंगलमहादेव का यह रूप हमारे अंदर के अंधरों को साफ कर सब के दुःखों को दूर करने की चेष्टा में हमारे सामने इस रूप में खड़े हैं।

अंजू घरभरन, मॉरीशस
25.02.2025