
मोम के देवता
पत्थर कठोर होता है
वह देवता होता है
और
युगों तक देवत्व को जीता है।
संवेदनाहीन!
इसीलिए वह
स्मित मुख धारण करता है
और
युगों तक
निश्कलंकित रहता है।
संज्ञा शून्य!
इसीलिए वह
विष-अमृत ग्रहण करता है
और
युगों तक
अमरत्व का वरण करता है।
मोम के देवता
आंच मिलते ही पिघल जाते हैं
नमी मिलते ही कठोर
स्पर्श मिलते ही बिखर जाते हैं
अपनत्व मिलते ही विभोर।
असंख्य रेखाएँ खिंच जातीं हैं
उनके चेहरों पर
तीखे नख प्रहारों से
बिगड़ जाता है उनका आकार
और…
इसीलिए देवता होने की
पहली शर्त है पत्थर होना।।
पत्थर कठोर होता है
वह
देवता होता है।।
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© विनयशील चतुर्वेदी