हिसाब ज़िंदगी के – (कविता)
हिसाब ज़िंदगी के बाद मुद्दत तू आया है मेरे आँगन मेंकोई शिकवा नहीं जज़्बात की बातें कर लें मैं तेरी हीर नहीं तू मेरा रांझा न रहाबिकते और काँपते इंसान…
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हिसाब ज़िंदगी के बाद मुद्दत तू आया है मेरे आँगन मेंकोई शिकवा नहीं जज़्बात की बातें कर लें मैं तेरी हीर नहीं तू मेरा रांझा न रहाबिकते और काँपते इंसान…
प्रश्नोत्तरी तेरे प्रश्नों की पंक्ति की तू धूनी समान जल रहा वहाँक्यों व्यस्त यहाँ मेरा जीवन था फाग और मल्हारों में मर गए तरस कर गीत तेरे जब कफन बिनाक्यों…
स्वप्नांत कल रात युगों के बाद स्वप्न फिर देखा था मैंने तेरासुरभित कर गया जगत को यूँ चंदन से शीतल प्यार तेरा मेरी शर्मीली आंखें तेरी बाँहों में यूँ झूल…
शैलजा चतुर्वेदी डॉ. शैलजा चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश का जन्म । लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक व एमबीबीएस। आस्ट्रेलिया मे १९७० से प्रवास। ‘Raising a Child’, ‘Reflections of a Psychiatrist’, and ‘The…