Category: अर्चना पैन्यूली

सिंगल मदर से सुपरमदर – (कहानी)

सिंगल मदर से सुपरमदर -अर्चना पैन्यूली “हर एक कथाकार की हर रचना की कोई प्रेरणा होती है। इस पुस्तक के लिए प्रेरणादायक कौन है?” टीना ने मुझसे पूछा तो मैं…

कबूतरी, थारो कबूतर गूटर-गूटर-गू बोल्यो रे… (कितनी माँएं हैं मेरी) – (कहानी)

कबूतरी, थारो कबूतर गूटर-गूटर-गू बोल्यो रे… (कितनी माँएं हैं मेरी) –अर्चना पैन्यूली गूटर गू… गूटर–गू…। वह उसे छेड़ रहा है…। इन दिनों उसकी गर्दन, सिर और छाती पर आकर्षक पंख…

क्या लिखूँ आप पर… – (संस्मरण)

क्या लिखूँ आप पर… (हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. कमल किशोर गोयनका पर आधारित अर्चना पैन्यूली का संस्मरण) अर्चना पैन्यूली डॉ. कमल किशोर गोयनका के कृतित्व के संबंध में कुछ…

एक छोटी सी चाह… – अर्चना पैन्यूली

स्वाति शुरू से ही जानती थी कि इवा उसकी अपनी माँ नहीं है। मगर जबसे तेरह की हुई तो उसके अवचेतन मस्तिष्क में सुप्त पड़े कुछ प्रश्न नई चेतना पा…

अर्चना पैन्यूली – (परिचय)

अर्चना पैन्यूली जन्म : 17 मई 1963, कानपुर, उत्तर प्रदेश अर्चना पैन्यूली मूलतः भारत के उत्तराखंड राज्य से हैं। 1997 से डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन में रह रही हैं, जहाँ…

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