हिंदी के इस वैश्विक मंच में 50 से अधिक देशों और भारत के प्राय: सभी राज्यों में स्थित लेखकों / विद्वानों की सक्रिय भागीदारी है। हमारा मानना है कि व्यावसायिक क्षेत्र में हिंदी का विकास ही हिंदी का भविष्य है और हम भाषा के प्रति सहानुभूति पर नहीं योगदान पर विश्वास करते हैं। आप सब का आह्वान करते हैं कि भाषा संबंधी परियोजनाओं को अपनी ऊर्जा और समय का योगदान कर मूर्त रूप दें।










फूल की ज़िद – (कविता)
डॉ. मंजु गुप्ता ***** फूल की ज़िद बाल हठराज हठत्रिया हठसारे संसार में प्रसिद्ध हैंपर फूल की ज़िद की अभी तक अनदेखी हैइस ओर किसी की दृष्टि ही नहीं गईहमने बच्चों को बात-बात पर ठुनकते देखा हैबाल गोपाल की ज़िद तो इतिहास में मशहूर हैराज-हठ पर भी अनेक जाने-माने अफ़साने हैंऔर तिरिया हठ तो स्त्रियों […]
‘स्पर्श हिमालय-2025’ महोत्सव में ‘कथेतर साहित्य : विचार और यथार्थ’ सत्र के कुछ दृश्य – (झलकियाँ)
‘लेखक गाँव’ देहरादून में ‘स्पर्श हिमालय-२०२५’ महोत्सव में ५.११.२०२५ को ‘कथेतर साहित्य : विचार और यथार्थ’ सत्र के कुछ दृश्य :
विश्व रंग 2025 मुंबई – (सूचना)
आमंत्रण विश्व रंग फाउंडेशन, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा ‘विश्व रंग 2025 आरंभ मुंबई’ का आयोजन 13 एवं 14 नवंबर 2025 को ‘ग्रीन टेक्नोलॉजी सभागार, मुंबई विश्वविद्यालय, कलीना परिसर, मुंबई (महाराष्ट्र)’ में किया जा रहा।* आप सादर आमंत्रित हैं
भानु नित्य भोर में – (कविता)
डॉ॰ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 🪷 भानु नित्य भोर में 🪷 [महाशिव छंद, २१२ १२१२ २१२ १२१२] भानु नित्य भोर में रश्मियाँ प्रसारता।भृंग बाग में सदा धुन मधुर सँवारता॥पेड़ नित्य झूमते बाँह नित पसारते।पुष्प बाग में सदा रंग को निखारते॥ कोकिला सुना रही तान नित सुहावनी।धुन मधुर निकालतीं पक्षियाँ लुभावनी॥कुञ्ज की गली सदा […]
सत्कर्म के डगर पर – (कविता)
डॉ॰ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 🌸 सत्कर्म के डगर पर 🌸 (दिग्पाल/ मृदुगति छंद) सत्कर्म के डगर पर, सुविचार हो हमारा।सद्भाव सत्य संबल, सन्मार्ग हो सहारा॥मधुरिम सदैव वाणी, संचेतना खरा हो।सुखमय सदा सुवासित, जीवन हरा भरा हो॥ आनंद कंद भगवन, मुझ को गले लगाओ।आया शरण तुम्हारी, मम लाज तुम बचाओ॥नित ध्यान अब धरूँ […]
मनुष्यता की तलाश में- ‘ऐसे-ऐसे लोग’ – (पुस्तक समीक्षा)
‘ऐसे-ऐसे लोग’ रवींद्र कात्यायन श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है- ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’। यह है निष्काम कर्म का उपदेश जो गीता हमें सिखाती है। मनुष्य अपने कर्मों का फल प्राप्त ही करता है, पर उसकी इच्छा न करने वाला ही निष्काम योगी की तरह जाना जाता है। भारतीय परंपरा में कहा गया है कि मनुष्य […]
माननीय डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी एवं हम सबका लेखक गांव – (रिपोर्ट)
जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना (अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संयोजक, लेखक गांव) का लेखक गांव में अविस्मरणीय अनुभव कुछ पल, कुछ स्थल और व्यक्तित्व अविस्मरणीय होते है। ये वो पल है, ये वो मन होते है, जिनकी पावनता आपको अकलुषित बना देती है। ऐसा ही पल था माननीय Dr.Ramesh Pokhriyal Nishank सर द्वारा लेखक गांव आने […]
बीते कल और आने वाले कल का समन्वय : अतिथियों ने कहा हिंदी को कोई खतरा नहीं – (रिपोर्ट)
वैश्विक हिंदी परिवार द्वारा हिंदीतर प्रदेशों के युवाओं के लिए आयोजित ऑनलाइन हिंदी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान पुणे, 10 नवंबर 2025 बार-बार हिंदी के खतरे की बात हो रही है लेकिन हिंदी को किसी से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। जब हम भारत में होते हैं तब आपसी संपर्क की भाषा […]
भाषा संस्कार की पहली बैठक संपन्न हुई – (रिपोर्ट)
9 नवंबर, 2025 रविवार को कीर्ति मोंटेसरी स्कूल, गुरुग्राम में भाषा संस्कार की पहली बैठक में पधारे प्रमुख भाषाविद और हिंदी अध्यापक – प्राध्यापक। दिल्ली से पधारे श्री वरुण कुमार, पूर्व राजभाषा निदेशक रेल मंत्रालय की अध्यक्षता में फरीदाबाद से पधारी श्रीमती नमिता राकेश, कोल इंडिया के पूर्व महाप्रबंधक श्री राजपाल यादव, बैंक में राजभाषा […]
