जान पहचान

मैं बहुत लोगो को जानता हूँ
जिनमे से अधिकांश लोग भी बहुत लोगों को जानते हैं
कुछ जानते हैं दर्जनों को
कुछ पहचानते हैं सैंकड़ो को
इस तरह हज़ार, लाख करोड़ लोगों की जान पहचान है
एक-दूसरे से
करोडो लोगों की इस भीड़ में
मैं हूँ
आप हैं
और है अमिताभ बच्चन भी
पर इस जान पहचान से हुआ क्या है
न अमिताभ ही छोड़ पा रहा है
उल-जलूल फिल्मों में काम करना
न मैं ही छोड़ पा रहा हूँ
उल-जलूल फिल्मों को देखने की मजबूरी!

*****

– निखिल कौशिक

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