डॉ शारदा प्रसाद

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रक्षा बंधन

सावन का पूनम का चंदा
आया ले किरणों का उपहार!
सकल विश्व मना रहा
भाई-बहन का सुंदर त्यौहार!!

कलाई सजेगी राखी से
शुभ तिलक लगेगा भाल विशाल!
आरती उतारे बहना प्यारी
लेकर मन का सुंदर थाल!!

रेशम के धागे में छिपा है
भाई-बहन का अद्भुत प्यार!
अक्षत-रोली-चंदन जैसा
पावन-प्यारा यह त्योहार!

बहना की रक्षा की खातिर
सदा संकल्पित भाई है!
भाई का पथ सदा अकंटक
बहन देती यही दुआई है!!

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One thought on “रक्षा बंधन – (कविता)”
  1. डॉ. सारदा प्रसाद के कविता मुझे बहुत अच्छी लगी उनकी कविता से बहुत कुछ सीखने को मिला।

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