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डॉ शारदा प्रसाद

करम परब

(झारखंड का लोकप्रिय पर्व)

भादो माह शुक्ल एकादशी
करम परब लेकर आया!
हरियर करम डाल ले भाई आया
बहना का मन हरसाया!!

भाई-बहन का पर्व है प्यारा
करमा-धरमा का कर्म-धर्म
प्रकृति-पूजा व समरसता का
सिखाता करना सतत कर्म!!

अखड़ा में करम डाली गड़ती
कांस के फूल से सजती!
संझा में सब सज-धज कर
पूजन कथा फिर चलती!!

रोली-अक्षत फूल मिठाई
अंकुरी और फल पकवान!
सुंदर थाली सजा के बहना
हुलस के गाती करम के गान!!

डलिया में सुंदर जावा सोभे
प्रकृति प्रेमी मन हरसे!
भादो माह की घनी बदरिया
झूम-झूम करके बरसे!!

करम डाल की पूजा करके
बहना मांगे यह वरदान!
अन्न-धन और समृद्धि दे
भैया को लंबा जीवन-दान!!

ढोल-नगाड़े मांदर-बंशी संग ताल-से-ताल मिला के!
मधुर-मधुर स्वर-लहरी संग
थिरकें सब दुख भुला के!!

करम डाल को घेर के नर-नारी
झूम-झूम के नाचे झूमर!
दूजे दिन नवान्न अर्पित करके
करते विसर्जन नदी-पोखर में जाकर!!

कर्म-धर्म और प्रकृति में
हो संतुलन शुचि-पावन!
प्रकृति है तो हम हैं
देता संदेश यह मनभावन!!

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