इस बदलते परिवेश के कारण

मैं बदल गई हूँ

लोगों का पता नहीं पर

‘मैं’ मैं न रहकर कुछ और हो गई हूँ ।

पहले मुस्कराने की कोई

वजह नहीं होती थी

पर, अब वजह के कारण

मुस्कुराना पड़ता है।

पहले गाने का कोई

मौसम नहीं होता था

पर अब मौसम की वजह से

गाना पड़ता है।

इस बदलती स्थिति के कारण

मैं बदल गई हूँ

लोगों का पता नहीं पर

‘मैं’ मैं न रहकर कुछ और हो गई हूँ ।

मीरा ठाकुर

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