
राजस्थान के अजमेर में एक प्रसिद्ध परिवार से आने वाले, ऋजु का जन्म दिसंबर 1973 में हुआ था। अपने परिवार से उन्हें संस्कृति, अनुशासन और विनम्रता की विरासत मिली है और वे यह सुनिश्चित करते हैं कि यात्रा, बागवानी, खाना पकाने और हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखने का उनका जुनून न रुके। उन्हें गायन पसंद है और उन्होंने बचपन में ही भारतीय शास्त्रीय संगीत में औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उन्होंने कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था, जो भारतीय सशस्त्र बलों में कैप्टन थे। वह फिलहाल अपनी मां, पत्नी और दो बच्चों के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं।
उन्होंने आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मुंबई से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और हिंदी और अंग्रेजी में एक बहुमुखी लेखक के तौर पर पहली कविता 11 साल की उम्र में लिखी थी। प्रारंभ से ही ऋजु हिंदी और संस्कृत से संपर्क में रहे। इनके घर पर अनेक लेखक एवं कवियों की पुस्तकों का विशाल संग्रह रहा है।
उनकी अभिव्यक्तियाँ ज्यादातर उनके अपने अनुभवों एवं बचपन से साहित्य और संस्कृति की घर पर मिली हुई शिक्षा की परिणति हैं। इसके अतिरिक्त वे प्रकृति और कला से भी लिखने की कल्पना लेतें हैं।
लेखन में ऋजु लयबद्धता और अलंकार के प्रयोग विशेषकर करते हैं, उदाहरण के तौर पर अनुप्रास अलंकार, शुद्ध पर्यायवाची और प्रतिदिन बोले जाने वाले शब्दों का मिश्रण। इनकी कोशिश रहती है कि समाज को किसी न किसी प्रकार का संदेश पहुंचाया जाए।