
अरुणा सब्बरवाल
नाम : अरुणा सब्बरवाल
जन्म-स्थान : भारतवर्ष
प्रवासित देश : ब्रिटेन
शैक्षणिक योग्यता :
B.A Hon. and M.A (part one) from Delhi University in India .
B.Ed,in Education From Birmingham University
Post Graduation, in Education From Birmingham University .
लेखन की शुरुआत :
बर्मिंघम में आयोजित एक कहानी कार्यशाला में शिरकत; इस कार्यशाला का संचालन रवींद्र कालिया, ममता कालिया एवं तेजेंद्र शर्मा ने किया था।
उनका अधिकांश लेखन अंग्रेजी भाषा में है।
वर्ष 2008 में बर्मिंघम की ‘गीतांजली’ बहुभाषी समुदाय संस्था से जुड़ने के बाद उनकी वापसी हिंदी साहित्य की ओर हुई।
पहली कहानी :
‘वे चार पराँठे’ जो रवींद्र कालिया द्वारा संपादित पत्रिका नया ज्ञानोदय में प्रकाशित हुई थी जिसकी बहुत सराहना हुई।
पत्र-पत्रिकाएं :
वागर्थ, कथाक्रम, संचेतना, आधारशिला, वर्तमान साहित्य और सरिता जैसी पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन;
स्वर्गीय महीप सिंह, शेरजंग गर्ग, ममता कालिया एवं राजी सेठ ने समय-समय पर उनकी कहानियों को सराहा।
प्रकाशित पुस्तकें :
कविता संग्रह : साँसों की सरगम (2010), बाँटेंगे चंद्रमा 2011)
कहानी संग्रह : कहा-अनकहा (2010), वे चार पराँठे (2014), उडारी (2017) कहानी संग्रह ‘रॉकिंग चेयर’ प्रकाशनाधीन है।
संप्रति :
ब्रिटेन की साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय हैं।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों, जैसे बर्मिंघम, नॉटिंघम, लंदन, न्यूजर्सी, न्यूयॉर्क, कनाडा, दिल्ली, गाजियाबाद, यमुनानगर, लखनऊ आदि में आयोजित साहित्यिक आयोजनों, सम्मेलनों एवं कवि गोष्ठियों में सक्रिय भागेदारी रही है। पच्चीस वर्ष मुख्यधारा के विद्यालयों में और पाँच वर्ष स्पेशल एजुकेशनल नीड्स के विद्यालयों में शिक्षण किया है।
पता : Flat 2, Russettings .
Westfield Park
Hatch End HA5 4JF
Pinner U.K
संपर्क : 07557944220 (mobile)
0203 539 0160(land line)
ई-मेल : Arun.sabharwal45@gmail.com