दर्द, भय और पीड़ा
कोई भी दर्द, भय और पीड़ा से बच नहीं पाता है
फिर भी दर्द से ज्ञान आ सकता है,
डर से साहस आ सकता है,
दुख से ताकत आ सकती है,
अगर हमारे पास लचीलापन का गुण है
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-शोभना लक्ष्मी देवी
हिंदी का वैश्विक मंच
कोई भी दर्द, भय और पीड़ा से बच नहीं पाता है
फिर भी दर्द से ज्ञान आ सकता है,
डर से साहस आ सकता है,
दुख से ताकत आ सकती है,
अगर हमारे पास लचीलापन का गुण है
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-शोभना लक्ष्मी देवी